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जिंजोई नदी पुल के धंसे पिलर को जैक लगा कर उठाने के विरोध में उतरे ग्रामीण



पाटन. प्रखंड के बांसबार कसवाखांड़ पुल के पिलर मरम्मत कार्य का ग्रामीणों ने विरोध किया है. ग्रामीणों का कहना है कि पिलर को उठाया नहीं जाना चाहिए, बल्कि नया पिलर का निर्माण जरूरी है, क्योंकि पुराना पिलर को जैक लगा कर उठाया जा रहा है. वह कभी भी ध्वस्त हो सकता है. ग्रामीणों ने बताया कि बांसाबार कसवाखांड़ के बीच में स्थित जिंजोई नदी में पुल का निर्माण हुआ था. उसी वर्ष नदी में बाढ़ आयी थी. जिससे एक पिलर धंस गया था. इससे पुल का दो स्लैब ध्वस्त हो गया था. जिसका ग्रामीणों द्वारा विरोध किया गया था. इसके बाद बाहर के इंजीनियर द्वारा उक्त पिलर को उठा दिया गया था. इस वर्ष बाढ़ में दूसरा पिलर फिर धंस गया. ग्रामीणों का कहना है कि पुराने पिलर को हटा कर उसके स्थान पर नये पिलर का निर्माण कराया जाना चाहिए. मालूम हो कि बांसाबार कसवाखांड़ पुल को उठाने के लिए समस्तीपुर से कारीगर आये हैं. विरोध करने वालों में नागेंद्र मेहता, ललन प्रसाद, अखिलेश भुइयां, राजेश भुइयां, प्रदीप भुइयां सहित कई लोगों के नाम शामिल हैं.

जिंजोई नदी पर वर्ष 2012-2013 में बना था पुल

पाटन के बांसाबार कसवाखांड़ स्थित जिंजोई नदी पर वर्ष 2012-2013 में तत्कालीन विधायक सुधा चौधरी ने पुल निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था. जिसका निर्माण कार्य हो रहा था. लेकिन इसी बीच वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव होना था. ग्रामीणों ने बताया विधानसभा चुनाव के कारण तत्कालीन विधायक सुधा चौधरी द्वारा आनन- फानन में पुल का उद्घाटन कर दिया गया. लेकिन 2014 की पहली बरसात में ही पुल का एक पिलर धंस गया. इसे लेकर अखबार में खबर प्रकाशित हुई. इसके बाद संवेदक द्वारा बाहर से मशीन मांगा कर धंसा हुआ पिलर को उठा दिया था. लेकिन 2024 में फिर नदी में बाढ़ के कारण एक पिलर धंस गया. पिलर धंसने की सूचना मिलते ही नावाजयपुर थाना कमल किशोर पांडेय द्वारा बैरिकेडिंग लगायी गयी थी. वहीं बड़ी वाहन पार नहीं करने की चेतावनी भी दी गयी. इसके बाद भी लोग बैरिकेडिंग हटा कर जान जाखिम में डाल कर पुल पर आवागमन करने लगे.

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