सिमडेगा. जिले में रविवार को खजूर पर्व श्रद्धा व भक्तिभाव से मनाया गया. प्रभु यीशु मसीह के यरूशलम नगर में विजय पूर्वक प्रवेश की स्मृति में मनाये जाने वाले खजूर पर्व को लेकर संत अन्ना महागिरजाघर में विशेष मिस्सा पूजा की गयी. मौके पर शोभायात्रा निकाली गयी, जिसमें शामिल मसीही कोमल खजूर की डाली के साथ शामिल हुए. इसके बाद मसीही समुदाय के लोग खजूर की डालियों के साथ चर्च में मिस्सा पूजा में शामिल हुए. साथ ही प्रभु यीशु के प्रेम, बलिदान व शांति के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया. मिस्सा पूजा की संपूर्ण धर्मविधि सिमडेगा धर्मप्रांत के बिशप विंसेंट बरवा की अगुवाई में संपन्न हुई, जिसमें उनका सहयोग विजी सह पल्ली पुरोहित फा इग्नासयुस टेटे, फादर फेलिक्स, फादर शैलेश, फादर फेडरिक, फादर फेबियन, फादर प्रदीप, फादर प्रदीप आदि पुरोहितों ने किया. कार्यक्रम में जिप सदस्य जोसिमा खाखा भी शामिल हुईं. बिशप विंसेंट बरवा ने कहा कि खजूर पर्व बाहरी दिखावे से अधिक आंतरिक आस्था व आध्यात्मिक शुद्धता का पर्व है. यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वागत व सम्मान से अधिक महत्वपूर्ण है सेवा और बलिदान का भाव. कहा कि खजूर रविवार हमें प्रेरित करता है कि हम भी अपने जीवन में प्रभु यीशु के पदचिन्हों पर चलें. सेवा को अपना धर्म बनायें और समाज में शांति, भाईचारा और करुणा का संदेश फैलायें.
प्रेम, शांति व एकता संदेश देता है खजूर पर्व :विधायक
विधायक भूषण बाड़ा ने कहा कि आज जब दुनिया संघर्षों व तनावों से गुजर रही है. ऐसे में प्रभु यीशु के संदेश प्रेम, क्षमा व शांति पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो गया है. खजूर रविवार पर्व केवल ईसाई समुदाय के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेम, शांति व एकता का संदेश लेकर आता है. इस दिन का मूल उद्देश्य सेवा, सहिष्णुता और करुणा का विस्तार है. विधायक ने कहा कि प्रभु यीशु ने जब यरूशलम में प्रवेश किया, तो उन्होंने घोड़े या रथ की बजाय गधे का चयन किया, जो उनकी विनम्रता का प्रतीक है.
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