Cyber fraud: सीतामढ़ी. हाल के वर्षों में साइबर फ्रॉड की घटनाएं तेजी से बढ़ी है. लोगों से प्रतिदिन साइबर फ्रॉड के शिकार होते है. पुलिस लोगों को बराबर जागरूक भी करती रहती है. बैंक वाले भी अपने ग्राहकों को किसी को ओटीपी समेत अन्य चीजें शेयर नही करने की सलाह-नसीहतें देते रहते हैं. बावजूद लालच और अन्य कारणों से लोग साइबर ठगों के बुने जाल में फंस ही जाते है. अब तो ठगी के इतने मामले सामने आने लगे है कि सरकार को हर जिला में एक साईबर थाना खोलना पड़ा है. जिले में 19 महीने में साइबर फ्राड के माध्यम से साइबर बदमाशों ने 3 करोड़ 33 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है. जिसमें से साइबर पुलिस के द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए 68 लाख रुपए संबंधित बैंक में होल्ड कराया गया है. इतना ही नही, साइबर थाना ने 100 से अधिक फर्जी फेसबुक अकाउंट व करीब 500 फर्जी मोबाइल नंबर को भी बंद कराया है. साइबर थाने में 19 महीने में साइबर फ्राड के करीब 210 से अधिक मामला दर्ज कराया गया है. साइबर थाना डीएसपी आलोक कुमार ने बताया कि अबतक तीन डिजिटल अरेस्ट की गयी है. बताया कि साइबर फ्राड मामले में पुलिस ने स्थानीय व अंतरजिला आरोपी को भी पकड़ा गया है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला हैं ठगों का जाल
पश्चिमी चंपारण जिले के बेतिया के रामनगरा थाना क्षेत्र के सवेया देवराज निवासी मो नेयाज अहमद के पुत्र मो आसिफ इकबाल व मढिया निवासी मो रिनजमुलेश अहमद के पुत्र मो फहद अंसारी को साइबर फ्राड मामले में गिरफ्तारी हुई थी. आरोपी के पास से छह मोबाइल फोन बरामद की गयी थी. बताया कि आरोपी के पास से पकड़े गये मोबाइल की जांच से पता चला है कि आरोपी का तार दिल्ली, गया, पेरिस के साथ ही मिडिल ईस्ट के देशों में बैठे साइबर क्राइम करने वाले लोगों से जुड़े हुए हैं.
केस स्टडी-1
नौकरी के लालच में बन गया शिकार
सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर थाना क्षेत्र के रैन विशुनी गांव के विकास कुमार झा के साथ हुई है. उनसे ऑनलाइन 1.45 लाख रुपये की ठगी कर ली गयी थी. पुलिस को बताया है कि उनके पास दो मोबाइल नंबर है और दोनों नंबर से व्हाट्सएप चलाते है. साइबर फ्रॉड ने उक्त दोनों नंबर पर कॉल कर ऑनलाइन नौकरी दिलाने का झांसा दिया और वह झांसे में आ भी गये, फ्रॉड ने नौकरी के नाम पर पांच बार में 1.45 लाख रुपये की ठगी कर ली है.
केस स्टडी-2
फ्रॉड ने की क्रेडिट कार्ड से खरीदारी
सीतामढ़ी के सुप्पी थाना क्षेत्र के ससौला गांव के दीपेश कुमार साह भी फ्रॉड के शिकार बन गए. पीड़ित ने साइबर थाना पुलिस को लिखित तौर पर बताया है कि उसके पास एसबीआई के दो क्रेडिट कार्ड है. उसने मोबाइल नंबर पर अचानक एसबीआई और फ्लिपकार्ट दोनों से ओटीपी का मैसेज आया. जब तक वह कुछ समझ पाता कि तीन बार में उसके क्रेडिट कार्ड से 54321 रुपये की खरीदारी करने का मैसेज आया. तब उसने एसबीआई और 1930 पर शिकायत दर्ज कराई.
1930 पर भी शिकायत करें
डीएसपी आलोक कुमार ने कहा कि साइबर ठगी का शिकार होने पर तत्काल किसी भी मोबाइल नंबर से 1930 पर शिकायत दर्ज कराये. बहुत सारे लोग उक्त नंबर पर शिकायत कर लाभ प्राप्त कर चुके है. नौकरी, किसान स्कीम, फिंगर प्रिंट से पेमेंट व मोबाइल पर आये बिना पहचान के मैसेज को डाउनलोड करने पर साइबर फ्राड होने की संभावना अधिक रहती है. बताया कि बिना जाने समझे ऐसे लोगों से बचे.
बोले अधिकारी
एसपी अमित रंजन ने कहा कि साइबर क्राइम की घटनाओं से बचने के लिए सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से लगातार जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. अब तो मोबाइल पर किसी को कॉल करने पर सबसे पहले डिजिटल ठगी से बचाव के सुझाव सुनने को मिलते है. किसी भी व्यक्ति को कॉल आने पर अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए.
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