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मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर शनिवार से शुरु होगा पांच दिवसीय श्रीकृष्ण जन्मोत्सव



मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भगवान के जन्मोत्सव के विभिन्न कार्यक्रम शनिवार से ही शुरु होंगे, जो अगले सप्ताह गुरुवार तक चलेंगे. श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा समिति के सचिव कपिल शर्मा एवं सदस्य गोपेश्वर चतुर्वेदी ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि इस बार जन्माष्टमी पर्व से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पुरातन वैभव व स्वरूप प्राप्ति के संकल्प के साथ किया जाएगा. उन्होंने कहा कि योगेश्वर श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर भगवान का जन्मोत्सव शास्त्रीय मर्यादाओं एवं परंपराओं के अनुसार भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तदनुसार सोमवार (26 अगस्त 2024) को मनाया जाएगा.

भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को भव्य एवं दिव्य बनाने के लिए सभी तैयारियॉं एवं व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं. ऐसे में भगवान के श्रृंगार, पोषाक, मंदिर की साज-सज्जा एवं व्यवस्थाएं नयनाभिराम बनाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. गोपेश्वर चतुर्वेदी ने बताया कि जनभावनाओं के अनुरुप इस बार जन्मोत्सव का संकल्प श्रीकृष्ण-जन्मभूमि के पुरातन वैभव व स्वरूप प्राप्ति का होगा. पदाधिकारी ने कहा कि यह वह दौर है कि जब मथुरावासी एवं भगवान श्रीकृष्ण के दुनियाभर में फैले करोड़ों भक्तजनों के मन में एक ही कामना है कि जिस प्रकार अयोध्या में भगवान राम के भव्य एवं दिव्य मंदिर के संकल्प पूर्ण होकर उनकी प्राण-प्रतिष्ठा की गई है. उसी प्रकार, मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर उनके मूल स्थान पर बनाकर वहां उनकी भव्य प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो.

अद्भुत होगी साज सज्जा
इस खास मौके पर साज–सज्जा एवं व्यवस्थाऐं अभूतपूर्व होंगी. जन–जन की आस्था के केन्द्र कंस के कारागार के रूप में प्रसिद्ध गर्भ गृह एवं कृष्ण चबूतरा की साज सज्जा ऐसा होगी जो भक्तों को द्वापर कालीन कंस के कारागार की अनुभूति कराएगा, इसकी पूरी कोशिश की जा ररही है. विशेष कारीगरों के द्वारा विभिन्न सामग्री के प्रयोग से कृष्ण चबूतरा एवं गर्भगृह को कारागार के रूप में सजाया जा रहा है.

26 अगस्त के कार्यक्रम
सोमवार 26 अगस्त को अहले सुबह शहनाई और नगाड़ों के साथ भगवान की मंगला आरती होगी. इसके बाद दर्शन सुबह के साढ़े 5 बजे से शुरू होंगे. इसके बाद सुबह 8 बजे भगवान का दिव्य पंचामृत अभिषेक किया जायेगा. सुबह 9 बजे भव्य पुष्पांजलि और कृष्ण–जन्माष्टमी महोत्सव संकल्प का कार्यक्रम होगा. श्रीराधाकृष्ण युगल जोड़ी का भागवत भवन के दिव्य प्रांगण में होगा. जन्म महाभिषेक का मुख्य कार्यक्रम रात 11 बजे गणेश नवग्रह आदि पूजन से आरंभ होगा. इसके बाद 1008 कमल पुष्पों से ठाकुरजी का सहस्त्रर्चन करते हुऐ आव्हान किया जायेगा. रात के 12 बजे भगवान के प्राकट्य के साथ संपूर्ण मंदिर परिसर में ढोल–नगाड़े, झांझ मंजीरे, मृदंग बजाय जाएगा. महाआरती भी होगी.

खास निर्देश
जिला प्रशासन ने जन्मभूमि के सभी संपर्क मार्गो पर जूताघर एवं सामान घर की व्यवस्था की है, इसलिए वे अपने जूते-चप्पल, बैग आदि सामान ठहरने के स्थान पर ही छोड़कर आएं, क्योंकि सोमवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर प्रवेश गोविंद नगर स्थित उत्तरी द्वार से मिलेगा और निकासी पूर्वी यानी मुख्य द्वार से होगी. पदाधिकारी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर के आसपास एवं मुख्य स्थलों पर चिकित्सा शिविर एवं खोया-पाया शिविर भी संचालित किए जाएंगे.

खास कार्यक्रम
5251 दीपों से होगा भव्य दीपदान, 25 अगस्त को शाम 7 बजे
पुष्प–बंगले में विराजेंगे ठाकुरजी
स्वर्ण मण्डित रजत कामधेनु स्वरूपा दिव्य गौ प्रतिमा करेंगी ठाकुरजी का प्रथम अभिषेक.
गर्भ–गृह एवं श्रीकृष्ण चबूतरा को दिया जायेगा कारागार का मूल स्वरूप.
जन्माभिषेक के मौके पर परमपूज्य महन्त श्रीनृत्यगोपालदास जी महाराज भी उपस्थित रहेंगे .
25अगस्त शाम 6 बजे भव्य रूप से होगा पोशाक अर्पण और दर्शन कार्यक्रम.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पवित्र लीलामंच पर शनिवार (24 अगस्त) से 28 अगस्त 2024 तक लीलाओं का आयोजन किया जायेगा. यह पंचदिवसीय श्रीकृष्ण लीलाऐं प्रतिदिन शाम 7 बजे से रात्रि 11 बजे तक चलेगा.

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव (26 अगस्त 2024) सोमवार की रात्रि में
श्रीकृष्ण जन्म महाभिषेक कार्यक्रम (श्रीभागवत भवन मन्दिर)
श्री गणपति एवं नवग्रह स्थापना–पूजन आदि रात्रि 11 बजे से
सहस्त्रर्चन (कमल पुष्प एवं तुलसीदल से) रात्रि 11बजे तक
प्राकट्य दर्शन हेतु पट बन्द रात्रि 11:59 बजे
प्राकट्य दर्शन/आरती रात्रि 12:00 बजे से 12:10 बजे तक
पयोधर महाअभिषेक(कामधेनु) रात्रि 12:10 बजे से 12:25बजे तक
रजत कमल पुष्प में विराजमान ठाकुरजी का जन्म–महाभिषेक रात्रि 12:25बजे से 12:40बजे तक
श्रंगार आरती रात्रि 12:45 बजे से 12:50बजेतक
शयन आरती रात्रि 1:55 बजे से 2:00 बजे तक