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प्रवासी मजदूरों को लेकर बुधवार को फिर हो सकती है सुनवाई, SC को सरकारी हलफनामे का इंतजार

नई दिल्ली। India Lockdown Day 6, देश में लॉकडाउन के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने उन हजारों प्रवासी मजदूरों के लिए राहत की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई की, जो कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन के बीच शहरों को छोड़कर अपने घर जा रहे हैं।सुप्रीम कोर्ट ने वकील अलख आलोक श्रीवास्तव द्वारा दायर याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की।

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भारत के संघ और सभी राज्य सरकार स्थिति को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को प्रस्तुत किया कि वह वकील अलख आलोक श्रीवास्तव द्वारा दायर याचिका का जवाब देते हुए एक हलफनामा दायर करना चाहते हैं।

CJI एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता वकील अलख आलोक श्रीवास्तव से कहा कि हम सब कुछ से निपट लेंगे, लेकिन केंद्र जो कर रहा है उससे नहीं। CJI ने कहा कि पहले हम सरकार  की ओर से  उस हलफनामे को देखना चाहते हैं, जिसे दाखिल करना है, फिर हम इस पर बुधवार को सुनवाई कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है।याचिका में इन लोगों को भोजन और मेडिकल सुविधा दिए जाने के साथ ही इन्हे सरकारी इमारतों में आश्रय देने की भी मांग की गई है।सुप्रीम कोर्ट में वकील आलोक श्रीवास्तव द्वारा दायर जनहित याचिका में मांग की गई है कि हजारों प्रवासी श्रमिक परिवारों- महिलाओं, छोटे बच्चों, बड़ों और अलग-अलग तरह के लोगों के हृदय की भयावह और अमानवीय दुर्दशा का निवारण करें। कोरोना वायरस संकट के बीच ये लोग सैकड़ों किलोमीटर तक पैदल चलकर शहरों से अपने गांवों तक बिना भोजन, पानी, गाड़ी, चिकित्सा के पहुंच रहे हैं।