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Nirbhaya Case: फांसी टालने को रात भर चली सुनवाई, HC व SC के चक्कर काटता रहा दोषी पक्ष

नई दिल्ली । निचली कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट से झटका लगने के बाद निर्भया मामले के दोषियों की फांसी रोके जाने के लिए अधिवक्ता एपी सिंह ने रात लगभग दो बजे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन यहां भी याचिका खारिज कर दी गई। इसके साथ ही दोषियों की फांसी भी तय हो गई।

उधर, सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अधिवक्ता एपी सिंह को फटकार लगाते हुए कहा कि आपके पास एक भी दलील सुनने लायक नहीं हैं, इसके बावजूद आप अदालत का समय बर्बाद कर रहे हैं।

बृहस्पतिवार दिनभर चला ड्रामा, तड़के 3:30 बजे हुआ खत्म

इससे पहले बृहस्पतिवार को दिन भर चला ड्रामा रात में भी जारी रहा। निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने पहले रात साढ़े आठ बजे हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें रात 11 बजे के बाद फैसला आया और याचिका खारिज कर दी गई। इसके बाद एपी सिंह ने रात करीब दो बजे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद जस्टिस भानुमति ने रात 2:30 बजे दोषियों की याचिका पर सुनवाई की।

दरअसल, इसमें अदालत में तीन वकीलों को ही जाने की अनुमति दी गई। इसके बाद एपी सिंह कुछ देर के लिए धरने पर बैठ गए और हंगामा करने लगे, हालांकि बाद में वह कोर्ट पहुंचे। इसके बाद उन्होंने शीर्ष अदालत में दलील दी कि कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से सारी दुकानें बंद हैं, ऐसे में वह दस्तावेजों की फोटो कॉपी नहीं करा सके। जबकि, हाई कोर्ट ने उनकी अर्जी अधूरे दस्तावेजों के आधार पर खारिज की है, उन्हें दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कुछ समय और दिया जाए।

जो दलीलें पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी हैं, उन्हें दोबारा आप क्यों दे रहे हैं। आपने कोई भी ठोस सबूत पेश नहीं किया है। इसी बीच अधिवक्ता शम्स ताहिर भी बहस में कूद गए और उन्होंने पवन के साथ हुई मारपीट के मामले को उठाया और दो दिन की मोहलत मांगी। उन्होंने दलील दी कि पवन के साथ जेल में मारपीट हुई है, इसलिए उसे न्याय दिया जाना चाहिए। इस पर न्यायाधीश ने एक बार फिर उन्हें भी फटकार लगाई और कहा कि आप मुझे मत सिखाएं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाएं तड़के करीब साढ़े तीन बजे खारिज कर दीं, जिसमें एक पवन के नाबालिग होने की भी थी।