रक्षा राज्यमंत्री ने बताया, 18 देशों को बुलेटप्रूफ जैकेट निर्यात कर रहा भारत
नई दिल्ली\। भारत 18 देशों को बुलेटप्रूफ जैकेट निर्यात कर रहा है। रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाईक ने लोकसभा में यह जानकारी दी। हालांकि, उन्होंने रणनीतिक वजहों का हवाला देते हुए उन देशों का नाम बताने से इन्कार कर दिया।
नाईक ने कहा कि 15 कंपनियों को बुलेटप्रूफ जैकेट बनाने के लिए लाइसेंस दिया गया है। घरेलू और निर्यात जरूरतों की पूर्ति के लिए देश में हर साल 10 लाख बुलेटप्रूफ जैकेट उत्पादन करने की क्षमता है। एक अन्य सवाल के जवाब में रक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि दूसरे मित्र राष्ट्रों को हल्के लड़ाकू विमान निर्यात के लिए हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड द्वारा विदेशी प्रदर्शनियों में प्रदर्शन किया गया है।
2016-17 से 2018-19 तक सेना में 1.65 लाख भर्तियां की गई
रक्षा राज्यमंत्री नाईक ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर बताया कि सेना ने 2016-17 और 2018-19 के बीच करीब 1.65 लाख जवानों की भर्ती की गई। सेना ने 2016-17 में 54,815, 2017-18 में 52,839 और 2018-19 में 57,266 कर्मियों की भर्ती की। इस दौरान सबसे ज्यादा 18,906 कर्मी उत्तर प्रदेश से, पंजाब एवं चंडीगढ़ से 15,455, महाराष्ट्र से 11,866 और हरियाणा से 10,382 कर्मियों की भर्ती हुई। हिमाचल प्रदेश से 8,752 और उत्तराखंड से 8,966 कर्मियों की भर्ती हुई और नेपाल से कुल 5,275 कर्मियों की भर्ती हुई।
जम्मू एवं कश्मीर में कुल 451 लोग हिरासत में हैं। इनमें से 396 पर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम लगाया गया है। गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में कहा कि अगस्त 2019 से अधिकारियों ने 7,357 लोगों को सुरक्षा के लिहाज से हिरासत में लिया। पिछले वर्ष अगस्त में अनुच्छेद 370 समाप्त किया गया और उसके बाद राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया।
पांच वर्षो के दौरान अर्धसैनिक बलों के 529 जवान शहीद हुए
पिछले पांच वर्षो के दौरान कर्तव्य का निर्वाह करते हुए अर्धसैनिक बलों के 529 जवान शहीद हो गए। इन शहीदों में से 64 के परिवार के सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति के तहत नौकरी दी गई। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सहित छह बलों के जवानों के परिवार के सदस्य को नौकरी देने की योजना के तहत आवेदनों की जांच के बाद मानकों पर खरा उतरने वालों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई।