उच्च न्यायालयों में लंबित CAA से जुड़ी याचिकाओं और इन्हें सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित करने की मांग पर 22 को सुनवाई
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कई उच्च न्यायालयों के समक्ष लंबित नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरित करने की सरकार की याचिका पर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि वह 22 जनवरी को सीएए से संबंधी सभी याचिकाएं और इन सभी याचिकाओं को स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका को 22 जनवरी को सुनेगा।
दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून का देश के कई राज्यों में विरोध हो रहा है। अलग-अलग राज्यों के हाई कोर्ट में भी कई याचिकाएं इस कानून के खिलाफ दायर की गई हैं। हालांकि, अलग-अलग राज्यों के हाई कोर्ट में सीएए को लेकर सुनवाई होती है, तो केंद्र सरकार को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, अगर एक ही जगह सभी याचिकाओं की सुनवाई होती है, तो केंद्र सरकार को जवाब देने में सहूलियत होगी।
बता दें कि कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी इस कानून को अपने यहां लागू करने से इनकार कर दिया है। हालांकि, गृह मंत्रालय यह साफ कर चुका है कि नागरिकता संशोधन कानून संसद से पास हुआ है। इसलिए हर राज्य को इसे लागू करना अनिवार्य है। साथ ही गृह मंत्री अमित शाह कई मंचों से इस बात को साफ कर चुके हैं कि यह कानून किसी भी भारतीय की नागरिकता छीनता नहीं है, बल्कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में शोषित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने वाला कानून है। कानून सिर्फ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, जैन और ईसाई धर्म के शोषित लोगों को भारत की नागरिकता हासिल करने की राह आसान करता है। भारत के मुस्लिमों या किसी भी धर्म और समुदाय के लोगों की नागरिकता को इस कानून से खतरा नहीं है। इसके बावजूद इस कानून को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है।