Delhi Pollution: विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली में बढ़ता वायु प्रदूषण जन स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है. “वायु प्रदूषण में वृद्धि पर मेदांता-द मेडिसिटी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ नरेश त्रेहन कहते हैं, “यह स्वास्थ्य की दृष्टि से एक बड़ा खतरा है. इसके कारण कई लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है. यह मानवता के लिए एक तरह से आपदा है. सार्वजनिक स्वास्थ्य इस समय बहुत अधिक जोखिम में है. फेफड़ों की समस्याओं, अस्थमा, स्ट्रोक में वृद्धि हुई है.”
लीवर और किडनी मरीजों के लिए बढ़ा खतरा
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर डॉ त्रेहन ने कहा- इसका असर केवल फेफड़ों पर ही नहीं होता, बल्कि इसके कण हर जगह फैल जाते हैं. खून में घुल जाते हैं और आपके लीवर तक पहुंच जाते हैं. जिन लोगों को किडनी और लीवर की समस्या है, उन्हें अधिक खतरा है. वायु प्रदूषण उन्हें तेजी से अपना शिकार बनाता है.
अस्थमा, स्ट्रोक, ब्लड प्रेशर और हृदय रोग के बढ़ रहे मामले
विशेषज्ञों के अनुसार वायु प्रदूषण से बच्चों में न्यूरो डेवलपमेंट डिसेबिलिटी की समस्या होने लगती है. इसके साथ ही अस्थमा, स्ट्रोक, ब्लड प्रेशर और हृदय रोग के मामले में बढ़ोतरी होने का खतरा है.
आरोप-प्रत्यारोप छोड़ उठाने चाहिए बड़े कदम : डॉ त्रेहन
डॉ नरेश त्रेहन ने एएनआई के साथ बातचीत में कहा- “आरोप-प्रत्यारोप छोड़कर ठोस कदम उठाने का समय आ गया है.” उन्होंने क्लाउड सीडिंग पर भी कहा- “क्लाउड सीडिंग तभी सफल होगी, जब वातावरण में आर्द्रता 60 प्रतिशत या उससे अधिक होगी.”
पराली जलाने को हर हाल में रोकना होगा – त्रेहन
डॉ त्रेहन ने कहा- “वायु प्रदूषण को कंट्रोल में करने के लिए हर हाल में पराली जलाने पर रोक लगाना होगा. सरकार का कहना है कि हम युद्ध कर सकते हैं, लेकिन इसे नियंत्रित नहीं कर सकते हैं. यह बहुत परेशान करने वाली बात है. इसका असर सभी पर पड़ रहा है.”