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Railway: भावी योजना को लेकर स्टेकहोल्डर से संवाद कर रहा है कैग 


Railway: हाल के वर्षों में भारतीय रेलवे का तेजी से विस्तार हुआ है. इंफ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा, मोबिलिटी, यात्री सुविधा और कमाई के मामले में काफी प्रगति हुई है. देश के लॉजिस्टिक और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में रेलवे का काफी अहम योगदान रहा है. रेलवे की कमाई का मुख्य स्रोत माल ढुलाई है. रेलवे की कोशिश रेलवे के कुल राजस्व में माल ढुलाई की हिस्सेदारी 45 फीसदी करने की है. इसके लिए पीएम गति शक्ति योजना के तहत मल्टी मोडल कार्गो इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करने पर जोर दिया जा रहा है. इस काम में इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े सभी मंत्रालयों को एक मंच पर लाने के लिए नीति बनाई गई है.

नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च के अध्ययन के अनुसार वर्ष 2023-24 में लॉजिस्टिक खर्च जीडीपी का 7.97 फीसदी रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया, लेकिन लघु एवं सूक्ष्म उद्योग के लिए लॉजिस्टिक कीमत जीडीपी का 16.9 फीसदी है. सरकार की कोशिश इसे कम करने की है. इस कीमत को करने के लिए वर्ष 2021 में पीएम गति शक्ति नीति शुरू की गयी. इस नीति के तहत रेलवे, रोड, पोत और अन्य मंत्रालय को एक मंच पर लाने की कोशिश की गयी है. 

माल भाड़ा को कम करने पर है जोर

रेलवे की कोशिश अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की है. रेलवे का मानना है कि कनेक्टिविटी बेहतर होने से लॉजिस्टिक कम होगी और इसके कारण आर्थिक गतिविधि तेज होगी. केंद्र सरकार मल्टी मोडल कार्गो टर्मिनल के विकास के लिए निजी निवेश को प्रोत्साहित किया है. पीएम गति शक्ति नीति के तहत अगस्त 2025 तक कुल 132 मंजूर परियोजना में से 115 को मंजूरी दी जा चुकी है. मल्टी मोडल कार्गो टर्मिनल के विकास में रेलवे, सड़क परिवहन मंत्रालय, पोत और उद्योग मंत्रालय के सहयोग से विकास किया जा रहा है.

हाल ही में केंद्र सरकार ने गति शक्ति ट्रांसपोर्ट प्लानिंग एंड रिसर्च आर्गेनाइजेशन नामक संस्था का गठन किया है. इस संस्था का मकसद देश में विभिन्न तरह के ट्रांसपोर्ट हब का निर्माण करना है. रेलवे ऑडिट विंग सरकार के मल्टी मोडल ट्रांसपोर्ट के कामकाज की समीक्षा कर रहा है. इसके लिए कैग की ओर से विभिन्न विभाग की ओर से कई तरह का संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया है. जिसमें रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, विभिन्न सार्वजनिक उपक्रम के प्रमुख, पोत विभाग के प्रमुख के अलावा कार्गो टर्मिनल का संचालन करने वाले प्रमुखों से संवाद किया गया है ताकि हर हितधारक की बात को उचित स्थान दिया जा सके.