DU: देश और दुनिया के शीर्ष शैक्षणिक संस्थान में भारतीय संस्थानों की रैंकिंग समय के साथ बेहतर हुई है. लेकिन अभी भी वैश्विक स्तर के संस्थान बनने के लिए भारतीय संस्थानों को काफी काम करने की जरूरत है. हालांकि एशिया के शीर्ष संस्थानों में भारतीय संस्थानों की रैंकिंग में सुधार हुआ है. क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग के अनुसार एशिया के शीर्ष 100 संस्थानों में पांच आईआईटी, बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान और दिल्ली विश्वविद्यालय शामिल है.
इसमें आईआईटी-दिल्ली, आईआईटी-मद्रास, आईआईटी-मुंबई, आईआईटी-कानपुर और आईआईटी-खड़गपुर शीर्ष 100 एशियाई संस्थानों की सूची में शामिल हैं. लंदन स्थित ‘क्यूएस’ के अनुसार क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी एशिया रैंकिंग में शीर्ष 100 में सात भारतीय संस्थान शामिल है. पिछले साल की रैंकिंग की तुलना में 36 भारतीय संस्थानों के रैंकिंग में सुधार हुआ है, जबकि 16 की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ और 105 में गिरावट आई है.
दिल्ली विश्वविद्यालय ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: एशिया 2026 में उल्लेखनीय प्रगति की है. इस बाबत जानकारी देते हुए डीयू कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहा कि रैंकिंग में डीयू को पिछले वर्ष के 61.9 अंकों के मुक़ाबले इस बार 68.5 अंक मिले हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय अब एशियाई विश्वविद्यालयों के शीर्ष 6.2 फीसदी में शुमार है, जो इस क्षेत्र के सभी संस्थानों के 93.8 फीसदी से आगे है.
शैक्षणिक प्रदर्शन बेहतर होने का है संकेत
कुलपति ने कहा कि कि रैंकिंग में शामिल प्रतिभागी संस्थानों की संख्या में तीव्र वृद्धि के बावजूद (2026 में 1526 संस्थान हैं, जबकि 2025 में 984 संस्थान थे) दिल्ली विश्वविद्यालय एशिया के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में प्रमुखता से बना हुआ है. डीयू की रैंकिंग में सुधार शैक्षणिक गतिविधि बेहतर होने के कारण हुई है. योगेश सिंह ने कहा कि रैंकिंग में डीयू की अकादमिक रेप्युटेशन बढ़कर 91.1 हो गई, इंप्लॉयमेंट रेप्युटेशन 86.1, पीएचडी धारक स्टाफ 94.7 हो गया है और प्रति फैकल्टी शोध पत्र 87.7 हो गए हैं.
डीयू का इंटरनेशनल रिसर्च नेटवर्क स्कोर भी बढ़कर 99.4 हो गया, जो डीयू के बढ़ते वैश्विक सहयोग और उच्च रिसर्च आउटपुट को दर्शाता है. क्यूएस एशिया रैंकिंग 2026 में यह मजबूत प्रदर्शन अकादमिक उत्कृष्टता, प्रभावशाली शोध और वैश्विक जुड़ाव के प्रति विश्वविद्यालय की सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है. यह इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस ढांचे के तहत की गयी प्रगति और दिल्ली विश्वविद्यालय को दुनिया के अग्रणी विश्वविद्यालयों में स्थान हासिल करने के प्रयास को दिखाता है. एशिया में उच्च शिक्षा के एक प्रमुख संस्थान के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थिति मजबूत हुई है. डीयू अकादमिक गहनता, शोध गुणवत्ता और अंतर्राष्ट्रीय प्रासंगिकता के लिए जाना जाने लगा है.