Research: केंद्र सरकार ने देश को वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य रखा है. विकसित देश बनने के लिए रिसर्च एंड इनोवेशन के क्षेत्र में आगे होना जरूरी है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिसर्च एंड इनोवेशन के इको-सिस्टम को बढ़ावा देने और भारत को एक वैश्विक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र के तौर पर स्थापित करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के अनुसंधान विकास एवं नवाचार योजना कोष का शुभारंभ किया है. प्रधानमंत्री ने निजी क्षेत्र में भी अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के प्रयास करने को कहा.
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) 3 से 5 नवंबर तक दिल्ली में चलने वाले उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलन (ईएसटीआईसी) 2025 में शामिल है. इस सम्मेलन का विषय है ‘विकसित भारत 2047: सतत नवाचार, प्रौद्योगिकी उन्नति और सशक्तिकरण में अग्रणी भूमिका’. सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को किया. यह सम्मेलन केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के मार्गदर्शन में 13 मंत्रालयों और विभागों के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है.
सम्मेलन में प्रमुख वैज्ञानिकों के व्याख्यान, पैनल चर्चा, प्रस्तुतियां और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन शामिल हैं. इस दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी इको-सिस्टम को मजबूत करने के लिए शोधकर्ताओं, उद्योग और युवा इनोवेटर्स के बीच सहयोग हेतु एक मंच मुहैया कराना है. प्रमुख आयोजकों में से एक के रूप में डीआरडीओ ‘इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेमीकंडक्टर विनिर्माण’ विषय पर आयोजित होने वाले सत्र का आयोजन कर रहा है.
रिसर्च एंड इनोवेशन पर लगातार बढ़ रहा है खर्च
स्वास्थ्य सेवा, संचार, परिवहन, रक्षा और अंतरिक्ष के विकास में उभरती तकनीकी का अहम योगदान है. डीआरडीओ ने 4-इंच सिलिकॉन कार्बाइड वेफर्स के उत्पादन और 150 डब्लू के गैलियम नाइट्राइड उच्च इलेक्ट्रॉन गतिशीलता वाले ट्रांजिस्टर के निर्माण के लिए स्वदेशी तरीके विकसित करके नयी तकनीक के क्षेत्र में अहम उपलब्धि हासिल की है. सम्मेलन के दौरान डीआरडीओ के वैज्ञानिक एवं महानिदेशक ने माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, कम्प्यूटेशनल सिस्टम और साइबर सिस्टम पर मंथन किया.
गौरतलब है कि समय के साथ रिसर्च एंड इनोवेशन पर वर्ष 2010-11 में खर्च 60 हजार करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 1.27 करोड़ रुपये हो गया. देश में रिसर्च एंड इनोवेशन पर होने वाले खर्च में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 43.7 फीसदी है. इसमें निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी 36.4 फीसदी है. राज्य सरकार 6.7 फीसदी, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम की हिस्सेदारी 4.4 फीसदी और उच्च शिक्षा क्षेत्र की हिस्सेदारी 8.8 फीसदी है.
रिसर्च एंड इनोवेशन पर चल रहे सम्मेलन में शिक्षा जगत, अनुसंधान संस्थानों, उद्योग और सरकार के 3000 से अधिक प्रतिभागी, नोबेल पुरस्कार विजेता, प्रख्यात वैज्ञानिक और नीति निर्माता भाग ले रहे हैं. 11 प्रमुख क्षेत्रों जैसे उन्नत सामग्री एवं विनिर्माण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जैव-विनिर्माण, नीली अर्थव्यवस्था, डिजिटल संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं अर्धचालक विनिर्माण, उभरती कृषि प्रौद्योगिकियां, ऊर्जा, पर्यावरण एवं जलवायु, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा प्रौद्योगिकियां, क्वांटम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर मंथन हो रहा है.