छठ व्रतियों द्वारा कल दिया जाएगा उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य, जानें देश के विभिन्न शहरों में सूर्योदय का समय
Chhath Puja 2025 Usha Arag Time: आज 27 अक्टूबर की शाम छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया. अब कल सुबह यानी मंगलवार, 28 अक्टूबर को उदीयमान भगवान सूर्य (भगवान भास्कर) को अर्घ्य दिया जाएगा. इस पवित्र अवसर पर छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ेगी. भक्तजन छठ व्रतियों के साथ मिलकर भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे और अपने जीवन में सुख, समृद्धि तथा परिवार की खुशहाली की कामना करेंगे. इसके साथ ही सभी लोग अगली छठ पूजा 2025 में पूर्ण निष्ठा और श्रद्धा के साथ फिर से सहभागी बनने का संकल्प लेंगे. आइए जानते हैं देश के प्रमुख शहरों में उषा अर्घ्य (Usha Arghya Time 2025) के समय क्या रहेंगे.
Suryoday Time Today: देश के प्रमुख शहरों में आज सूर्यास्त का समय
- दिल्ली – सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर
- नोएडा – सुबह 06 बजकर 29 मिनट पर
- पटना – सुबह 05 बजकर 55 मिनट पर
- भोपाल – सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर
- लखनऊ – सुबह 06 बजकर 13 मिनट पर
- गोरखपुर – सुबह 06 बजकर 03 मिनट पर
- वाराणसी – सुबह 06 बजकर 03 मिनट पर
- कोलकाता – सुबह 05 बजकर 39 मिनट पर
- आगरा – सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर
- गाजियाबाद – सुबह 06 बजकर 29 मिनट पर
- मुंबई – सुबह 06 बजकर 37 मिनट पर
- मेरठ – सुबह 06 बजकर 29 मिनट पर
- रांची – सुबह 05 बजकर 52 मिनट पर
- बेंगलुरु – सुबह 06 बजकर 41 मिनट पर
- प्रयागराज – सुबह 06 बजकर 08 मिनट पर
- देवघर – सुबह 05 बजकर 48 मिनट पर
सूर्य भगवान की आरती
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
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ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।