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चक्रवात का दिखने लगा असर, तमिलनाडु में बारिश का तांडव, कई इलाके जलमग्न- बहुत भारी बारिश का अलर्ट


Cyclone Tracker: दक्षिण-पूर्वी अरब सागर पर बना निम्न दाब क्षेत्र एक अवदाब में परिवर्तित हो गया है और अगले 24 घंटे के दौरान इसके धीरे-धीरे उत्तर/उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने का अनुमान है.
तमिलनाडु तट से दूर बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम पर बना एक और निम्न दाब क्षेत्र ( low pressure area) उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है तथा अगले 12 घंटे के दौरान इसके अवदाब (Depression) में परिवर्तित होने से और अधिक बारिश का अनुमान है.

तमिलनाडु के कुछ हिस्सों के लिए रेड अलर्ट जारी

चेंगलपट्टू, तिरुवल्लूर, विल्लुपुरम, कुड्डालोर, कल्लाकुरिची, तंजावुर, तिरुवरुर, मयिलादुथुराई और तूतीकोरिन जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने तमिलनाडु के कुछ हिस्सों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. आईएमडी ने कहा कि एक निम्न दाब क्षेत्र बन रहा है जो गहन दाब क्षेत्र में तब्दील हो सकता है.

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चेन्नई में तीन बांधों से छोड़े गए पानी

चेन्नई में, जल संसाधन विभाग ने तीन जलाशयों से अतिरिक्त पानी छोड़ने की घोषणा की क्योंकि जल स्तर तेजी से जलाशय चरम सीमा की ओर बढ़ रहा है. एक अधिकारी ने कहा, ‘‘लोग घबराएं नहीं. चेम्बरमबक्कम, पुझल और पूंडी जलाशयों से पानी समुद्र में छोड़ा जाना शुरू हो चुका है.’’ उन्होंने कहा कि अगर बहुत भारी बारिश भी होती है, तो भी छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा सीमित रहेगी और यह सुरक्षित रूप से समुद्र तक पहुंच जाएगा.

जलाशय में जलस्तर खतरे के निशान के पार

चेन्नई में, 35 फुट क्षमता वाले पूंडी जलाशय में 78.49 प्रतिशत जल संग्रहण हो चुका है, जबकि 18.86 फुट की पूर्ण क्षमता वाले चोलावरम में 42.37 प्रतिशत जल है। 21.2 फुट क्षमता वाली रेड हिल्स (पुझल झील) में जलस्तर 83.18 प्रतिशत तक पहुंच गया है जबकि 24 फुट ऊंचे चेम्बरमबक्कम बांध में 77.23 प्रतिशत जल है. वीरनम और थेरवॉय कंडीगई में जल स्तर क्रमशः 24 फुट और 36.6 फुट की अपनी पूर्ण क्षमता के मुकाबले 77.23 प्रतिशत और 86 प्रतिशत तक पहुंच गया है. भारी बारिश के कारण राज्य के सबसे बड़े मेट्टूर बांध समेत विभिन्न जलाशयों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है. मेट्टूर बांध का जलस्तर चरम सीमा पर पहुंच गया है.

बस स्टैंड पर जलभराव से यात्री फंसे

तेज बारिश के कारण विल्लुपुरम नए बस स्टैंड पर जलभराव हो गया, जिसकी वजह से यात्री फंस गए. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के निर्देश के बाद, ग्रेटर चेन्नई निगम (जीसीसी) ने शहर में बारिश से प्रभावित 1.46 लाख लोगों के लिए 106 जगह पर भोजन तैयार करने और परोसने का प्रबंध किया है.