Agriculture: केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी दरों में व्यापक बदलाव किया गया है. इसमें कृषि क्षेत्र से जुड़े उपकरणों पर जीएसटी की दर को काफी कम कर दिया गया और सरकार का मानना है कि इस फैसले से किसानों को काफी फायदा होगा. जीएसटी दर में बदलाव 22 सितंबर से लागू हो जायेंगे और सरकार की कोशिश है कि कंपनियां जीएसटी की दरों में कमी का सीधा लाभ उपभोक्ता को मुहैया कराने का काम करे. शुक्रवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी.
बैठक में ट्रैक्टर एवं कृषि यंत्रीकरण संघ (टीएमए), कृषि मशीनरी निर्माता संघ (एएमएमए), अखिल भारतीय कम्बाइन हार्वेस्टर निर्माता संघ (एआईसीएमए), पावर टिलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (पीटीएआई) सहित अन्य संबंधित संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. कृषि मंत्री की पहल पर आयोजित इस बैठक का मकसद कृषि मशीनरी एवं उपकरणों पर हाल ही में घोषित जीएसटी दरों में कमी (12-18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी) के निर्णय पर चर्चा करना है. साथ ही इसका फायदा किसानों को मिले इसके लिए व्यापक प्रसार सुनिश्चित करना और सुधार उपायों के सुचारू क्रियान्वयन के लिए रणनीति बनाने पर होगा.
सरकार के फैसले से किसानों को लाभ दिलाने पर रहेगा जोर
सरकार द्वारा जीएसटी में कमी से ट्रैक्टर व अन्य कृषि मशीनरी की कीमत किसानों के लिए 7 से 13 फीसदी तक कम होगा. वहीं सब्सिडी योजनाओं व घटे कराधान का दोहरा लाभ किसानों को मिले इसके लिए सरकार हरसंभव कदम उठाने का काम करेगी. ताकि आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी कृषि मशीनरी निर्माताओं को आगे बढ़ने का मौका मिल सके. सरकार का मानना है कि कृषि उपकरण सस्ता होने से कृषि लागत में कमी आएगी और इसका फायदा छोटे किसानों को भी होगा. जीएसटी में कमी से जैव-कीटनाशकों और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कीमत में कमी आएगी और इससे सिर्फ देश के किसानों को ही लाभ नहीं मिलेगा, बल्कि रासायनिक उर्वरकों से जैव-उर्वरकों की ओर रुझान को भी बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.
साथ ही डेयरी उत्पाद जैसे दूध और पनीर की कीमत का लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा और इसका सीधा लाभ किसानों, पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों को भी होगा. केंद्रीय कृषि मंत्री पहले कह चुके हैं कि जीएसटी दर में कमी से कृषि से जुड़े अन्य क्षेत्र जैसे पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, कृषि वानिकी और मुर्गी पालन करने वाले किसानों को भी फायदा होगा और इससे कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
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