Vantara SIT Report: सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित एसआईटी (SIT) ने गुजरात के जामनगर स्थित वन्य जीव और पुनर्वास केंद्र वंतारा को क्लीन चिट दी है. एसआईटी के अधिकारियों ने अपनी जांच के बाद कहा कि वंतारा में नियमों का पालन हो रहा है, किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं है. जांच दल ने कहा कि वंतारा ने सभी पशुओं का अधिग्रहण और आयात पूरी तरह नियमों और कानूनों के अनुसार किया, किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति पी बी वराले की पीठ ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया और कहा कि अधिकारियों ने वनतारा में अनुपालन और नियामक उपायों के मुद्दे पर संतोष जाहिर किया है.
सभी आरोप बेबुनियाद, कोई गड़बड़ी नहीं हुई- एसआईटी
एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कार्बन क्रेडिट्स, पानी के उपयोग या पैसों में गड़बड़ी को लेकर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं. जांच के बाद वंतारा को ग्लोबल ह्यूमेन सर्टिफाइड सील ऑफ अप्रूवल दिया गया. यह इस बात को सिद्ध करता है कि वंतारा में पशु कल्याण और संरक्षण के अंतरराष्ट्रीय मानकों का पूरी तरह पालन किया जाता है. इसके अलावा, स्वतंत्र संस्था ग्लोबल ह्यूमन सोसाइटी ने वंतारा का निरीक्षण और ऑडिट किया है. वंतारा पहले भी न्यायिक जांच से गुजरा है और हर बार आरोप खारिज किए गए हैं.
वंतारा प्रोजेक्ट पर क्या थे आरोप
वंतारा प्रोजेक्ट पर कई आरोप लगे थे. इनमें पहला आरोप वित्तीय अनियमितताओं का था. इसके अलावा आरोप लगे थे कि वंतारा में पशुओं की तस्करी होती है. पशुओं को अवैध तरीके से खरीदा और बेचा जाता है. एक अन्य आरोप यह था कि यहां पशुओं के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है. इन सब मामलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त को एक एसआईटी का गठन किया था. जांच समिति में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर, हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राघवेंद्र चौहान, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले और भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी अनीश गुप्ता शामिल थे.
वंतारा ने किया क्लीन चिट का स्वागत
वनतारा ने सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिलने का स्वागत किया है. वनतारा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी के निष्कर्षों को स्वीकार करके यह बता दिया है कि वंतारा के खिलाफ सभी संदेह और आरोप निराधार थे. एसआईटी की रिपोर्ट शुक्रवार को पेश किया था. एससी ने कहा कि एसआईटी की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद कोर्ट एक विस्तृत आदेश पारित करेगी.