Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है. हर साल सर्दी के मौसम में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है और प्रदूषण के कारण स्कूलों और निर्माण संबंधी कामकाज को बंद करना पड़ता है. साल दर साल प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है. इस समस्या को दूर करने के लिए केंद्र, दिल्ली और अन्य राज्य सरकार की ओर से लगातार प्रयास हो रहे हैं, लेकिन हालात बेहतर नहीं हो रहे हैं. इस बाबत मंगलवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की.
बैठक का मकसद दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए चल रही पहलों की प्रगति की समीक्षा करना था. इसमें प्रमुख हितधारकों जैसे वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीक्यूएम), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार, हरियाणा, पंजाब तथा अन्य संबंधित एजेंसियां शामिल हुई. बैठक में दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, नीति आयोग के सीईओ बीवी आर सुब्रमण्यम ने भी शिरकत की.
केंद्रीय मंत्री ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए चलाए जा रहे विभिन्न प्रयासों जैसे ऑनलाइन कंटीन्यूअस एमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम की स्थापना और रियल-टाइम निगरानी, वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों की तैनाती और प्रभावी अपशिष्ट संग्रहण एवं निस्तारण के लिए एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन योजना के क्रियान्वयन के साथ-साथ आगामी फसल कटाई मौसम में पराली जलाने की संभावना पर समीक्षा की.
प्रदूषण से निपटने के लिए सभी को मिलकर करना होगा काम
बैठक में सड़क की धूल प्रदूषण को कम करने और सड़कों को स्वच्छ बनाए रखने के लिए यांत्रिक सड़क झाड़ू मशीनों के उपयोग को बढ़ाने के प्रयासों पर भी विस्तार से चर्चा की गई. शहरी हरियाली बढ़ाने पर विशेष बल दिया गया, जो कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ नामक प्रमुख पहल के तहत बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियानों के जरिये दिल्ली और एनसीआर में मिशन मोड में लागू की जा रही है.
केंद्रीय मंत्री ने वायु प्रदूषण में कमी के लिए अधिकतम प्रभाव वाले केंद्रित हस्तक्षेपों पर जोर देने का सुझाव देते हुए कहा कि प्रमुख प्रदूषणकारी उद्योगों में प्रदूषण कम करने के उपायों को तत्काल लागू किया जाना चाहिए. वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सभी एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा. दिल्ली-एनसीआर में विभिन्न एजेंसियों द्वारा लागू वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों की निगरानी के लिए एकीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्र बनाने के साथ ही आम लोगों को इसमें सक्रिय भागीदारी निभानी होगी. वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में नागरिकों की भागीदारी को सुगम बनाने के लिए विभिन्न ऐप्स के एकीकरण करने पर भी जोर दिया गया.
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