Yamuna River : यमुना नदी का बाढ़ का पानी दिल्ली के सबसे पुराने और व्यस्ततम श्मशान घाट निगमबोध घाट में घुस गया है, जिसके चलते वहां दाह संस्कार अस्थायी रूप से रोक दिया गया है. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के एक अधिकारी ने बताया कि शवदाह गृह में दाह संस्कार रोक दिया गया. बुधवार को केवल सुबह शुरू हुई अंत्येष्टि ही पूरी कराई गई. लाल किले के पीछे रिंग रोड पर स्थित, निगमबोध घाट में 42 दाह स्थल हैं. यह शहर का सबसे पुराना, सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त श्मशान घाट है.
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— Press Trust of India (@PTI_News) September 4, 2025
प्रतिदिन 55 से 60 दाह संस्कार होते हैं निगमबोध घाट में
यहां औसतन प्रतिदिन 55 से 60 दाह संस्कार होते हैं. बढ़ते जल स्तर ने व्यवस्थाओं को बाधित कर दिया है. घाट पर मौजूद एक प्रबंधन अधिकारी ने बताया, ‘‘पहले परिसर में केवल बारिश का पानी ही प्रवेश किया था, लेकिन करीब सात से आठ फुट ऊंची एक दीवार ऊपर से क्षतिग्रस्त हो गई. उसका करीब दो फुट हिस्सा ढह गया, जिससे यमुना का पानी अंदर आने लगा.’’

उन्होंने बताया कि घाट बुधवार दोपहर ढाई बजे तक चालू था. उसके बाद कोई और दाह संस्कार नहीं किया गया. उन्होंने कहा, ‘‘जो कोई भी अब श्मशान घाट की सेवाओं का उपयोग करना चाहता है, उसे किसी अन्य श्मशान घाट जाने का अनुरोध किया जाएगा.’’ दिन में पहले घाट परिसर में केवल वर्षा का पानी मौजूद था, लेकिन दोपहर ढाई बजे के बाद, यमुना का बाढ़ का पानी श्मशान घाट में प्रवेश करने लगा.
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यमुना नदी खतरे के निशान के ऊपर
निगमबोध घाट पर 1950 के दशक में एक विद्युत शवदाह गृह बनाया गया था. साल 2006 में नगर निगम द्वारा एक सीएनजी से चलने वाला शवदाह गृह भी बनाया गया था. दिल्ली में यमुना नदी मंगलवार को खतरे के निशान को पार कर गई थी, क्योंकि जल स्तर 206.03 मीटर दर्ज किया गया था, जो तब से बढ़ता ही जा रहा है.