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राजस्व महाअभियान शिविर में किसानों ने उठायीं शिकायतें


जमाबंदी और फार्मेट में गड़बड़ी से उत्पन्न हो रही समस्या

प्रतिनिधि, नारदीगंज

प्रखंड की पेश पंचायत के पेश गांव स्थित पुस्तकालय भवन में बुधवार को राजस्व महाअभियान का शिविर आयोजित किया गया. राजस्व कर्मचारी आशुतोष कुमार ने किसानों से भूमि संबंधी प्रपत्र जमा लिये. शिविर में पेश पंचायत के विभिन्न गांवों के किसान पहुंचे और भूमि से संबंधित समस्याओं को रखा. किसानों की शिकायत रही कि राजस्व महाअभियान के तहत घर-घर प्रपत्र पहुंचाने का प्रावधान है, लेकिन कर्मियों के माध्यम से ऐसा नहीं हुआ है. ऐसे में कई किसान इस लाभ से वंचित हो जायेंगे. किसानों ने कहा कि जब मामले की जानकारी के लिए राजस्व कर्मचारियों को फोन किया जाता है, तो वे रिसीव करना भी मुनासिब नहीं समझते. कई किसानों का आरोप था कि जमाबंदी में रैयतों का नाम दर्ज है, लेकिन कर्मचारी द्वारा दिये गये फार्मेट से उनका नाम गायब है. वहीं, खतियान में भूमि अधिक है, जबकि फार्मेट में जमीन कम दर्शायी गयी है. इससे गंभीर समस्या उत्पन्न हो रही है और पूरा अभियान खानापूर्ति बनकर रह गया है.

पचेया निवासी किसान बबलू सिंह ने कहा कि मेरे पूर्वज का नाम जमाबंदी में कायम है, लेकिन उपलब्ध कराये गये फार्मेट में उनका नाम नहीं है, जबकि भूमि निबंधित है. पचेया के अनिल सिंह ने कहा कि खतियान में भूमि का रकबा अधिक है, जबकि फार्मेट पर कम रकबा दर्शाया गया है, जो चिंता का विषय है. पेश गांव के प्रकाश गुप्ता ने कहा कि रैयत का कब्जा भूमि पर है, लेकिन अधिकारियों की गलती से किसी और के नाम से जमाबंदी कायम कर दिया गया है. वहीं अनोज राजवंशी ने कहा कि जब भी जानकारी के लिए राजस्व कर्मचारी को फोन किया जाता है तो वे कॉल रिसीव नहीं करते, जिससे परेशानी होती है.

इस बाबत राजस्व कर्मचारी आशुतोष कुमार ने कहा कि जमाबंदी प्रपत्र का वितरण किया जा रहा है. किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर रैयतों को सुधार के लिए फार्मेट दिया गया है. इसे शिविर में जमा किया जा सकता है या फिर ऑनलाइन परिमार्जन भी संभव है. उन्होंने कहा कि यदि पूर्वज के नाम से जमाबंदी कायम है तो बंटवारे के कागज या नामांतरण द्वारा रैयत अपने नाम पर भूमि की जमाबंदी करा सकते हैं. मौके पर विकास कुमार, छोटू चौधरी, अरुण चौधरी, मुख्तार खान, मुस्ताक समेत बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे.

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