Bihar Election: बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गयी है. इंडिया गठबंधन के नेताओं द्वारा मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर निकाली गई यात्रा खत्म होने के बाद बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर बिहार के प्रमुख नेताओं की अहम बैठक हुई. इस बैठक में प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े, सह प्रभारी दीपक प्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ, संगठन महामंत्री भीखूभाई दलसानिया, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, राज्य सरकार के मंत्री मंगल पांडे, सांसद राधामोहन सिंह सहित अन्य नेता शामिल हुए.
सूत्रों का कहना है कि बैठक में राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और सीट बंटवारे पर चर्चा की गयी. गृह मंत्री ने बिहार भाजपा के नेताओं से फीडबैक लिया. विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा की गयी. साथ ही संगठन और एनडीए के घटक दलों के साथ समन्वय को और अधिक मजबूत बनाने पर जोर दिया गया. केंद्र सरकार की ओर से बिहार को लगातार दी जा रही योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने को कहा गया. डबल इंजन की सरकार के फायदे और इससे बिहार के विकास को मिल रही मदद को गांव-गांव तक पहुंचाने का भी लक्ष्य दिया गया. ऐसा बताया जा रहा है कि बैठक में पार्टी की ओर से कमजोर और मजबूत सीटों का आकलन, मौजूदा विधायकों के कामकाज को लेकर भी चर्चा की गयी. साथ ही राजद और कांग्रेस के मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर चलाए गए अभियान के असर का आकलन भी किया गया.
सीट बंटवारा है सबसे पेचीदा मामला
पार्टी का मानना है कि जदयू और भाजपा के बीच सीट बंटवारे को लेकर विवाद की अधिक गुंजाइश नहीं है. लेकिन एनडीए में शामिल अन्य घटक दलों को साधना सबसे बड़ी चुनौती है. आने वाले समय में एनडीए के घटक दलों की बैठक केंद्रीय गृह मंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से होने की संभावना है. विपक्षी दलों के वोटर अधिकार यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री की मां को गाली देने के मुद्दे को धार देकर विपक्षी रणनीति को कुंद करने के उपायों पर भी चर्चा की गयी. साथ ही प्रधानमंत्री के 15 सितंबर को बिहार दौरे को सफल बनाने और 17 सितंबर को प्रधानमंत्री के जन्मदिन को सेवा पखवाड़ा के तौर पर व्यापक स्तर पर मनाने की रणनीति पर विचार किए जाने की बात बतायी जा रही है.