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Manoj Jarange On Maratha Reservation: मनोज जरांगे की बड़ी जीत, मराठा आरक्षण देने के लिए महाराष्ट्र सरकार राजी, जानें क्या थी मांगें


Manoj Jarange On Maratha Reservation: मराठा आरक्षण की मांग पूरी होने पर कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने अपना आमरण अनशन तोड़ दिया है. उन्होंने मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र कैबिनेट उप-समिति द्वारा दिए गए सरकारी प्रस्ताव (जीआर) को स्वीकार कर लिया और अपना अनशन तोड़ दिया. कैबिनेट उप-समिति के प्रमुख राधाकृष्ण विखे पाटिल ने सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करने और अपना अनशन तोड़ने के लिए मनोज जरांगे का धन्यवाद किया. जरांगे ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समूह के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर 29 अगस्त से भूख हड़ताल शुरू की थी.

“हम जीत गए हैं” : जरांगे

मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र सरकार की मंत्रिमंडलीय उप-समिति द्वारा जिन मांगों को स्वीकार किया गया है उनमें पात्र मराठों को कुनबी जाति का होने का प्रमाण पत्र देना भी शामिल है. मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल की अध्यक्षता वाली राज्य सरकार की मंत्रिमंडलीय उप-समिति के साथ बैठक के बाद जरांगे ने मराठा आरक्षण आंदोलन के लिये प्रदर्शन कर रहे लोगों से कहा, “हम जीत गए हैं”. विखे पाटिल ने समिति के अन्य सदस्यों – शिवेन्द्रसिंह भोसले, उदय सामंत, माणिकराव कोकाटे – के साथ दोपहर में दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में जरांगे से मुलाकात की और समिति द्वारा अंतिम रूप दिए गए मसौदे पर उनके साथ चर्चा की. आजाद मैदान में ही आरक्षण की मांग को लेकर मराठा कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर जमे थे.

इन प्रमुख मांगों को लेकर अनशन पर बैठे थे मनोज जरांगे

मराठा आरक्षण
कुनबी प्रमाणपत्र
मराठवाड़ा के मराठों को कुनबी घोषित करना
पुलिस मामलों की वापसी
शैक्षणिक और नौकरी में लाभ

कुनबी रिकॉर्ड वाले मराठों को जाति प्रमाण पत्र दिए जाएंगे

उप-समिति ने हैदराबाद गजट को लागू करने की जरांगे की मांग को स्वीकार कर लिया और कहा कि कुनबी रिकॉर्ड वाले मराठों को उचित जांच के बाद जाति प्रमाण पत्र दिए जाएंगे.

मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले लिए जाएंगे

जरांगे ने अपने समर्थकों के समक्ष समिति के मसौदा बिंदुओं को पढ़ा, जिसमें कहा गया था कि समिति ने हैदराबाद राजपत्र के कार्यान्वयन को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कहा कि सतारा गजट का क्रियान्वयन एक महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि समिति द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार, मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पहले दर्ज किए गए मामले सितंबर के अंत तक वापस ले लिए जाएंगे.

विरोध प्रदर्शनों के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को मिलेगी सरकारी नौकरी

जरांगे ने कहा कि यह भी निर्णय लिया गया कि अब तक विरोध प्रदर्शनों के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को शैक्षिक योग्यता के अनुसार एक सप्ताह के भीतर वित्तीय सहायता और सरकारी नौकरी दी जाएगी. समिति ने जरांगे को बताया कि अब तक 15 करोड़ रुपये की सहायता (जान गंवा चुके प्रदर्शनकारियों के परिजनों को) दी जा चुकी है तथा शेष राशि एक सप्ताह में दे दी जाएगी.

मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों के बीच जश्न का माहौल

विखे पाटिल ने कहा कि ‘सेज सोयारे’ (रक्त संबंधियों) अधिसूचना पर आठ लाख आपत्तियां प्राप्त हुई हैं और सरकार को उनकी जांच के लिए समय चाहिए. मंत्री ने कहा कि सरकार यह कहते हुए जीआर जारी करने के लिए कानूनी विकल्प भी तलाश रही है कि कुनबी और मराठा एक ही समुदाय हैं, और इस प्रक्रिया में दो महीने लगेंगे. जरांगे की जीत की घोषणा के बाद, आजाद मैदान और उसके आसपास मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों के बीच जश्न का माहौल बन गया.