Heavy Rain Alert: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बीते सप्ताह भर से भारी का कहर जारी है. भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से कई इलाकों में पानी भर गया है. पहाड़ी इलाकों में बादल फटने से लोगों का हाल बेहाल है. मौसम विभाग ने जम्मू क्षेत्र में अगले 48 घंटों के दौरान भारी बारिश और अचानक बाढ़ की आशंका जताते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. वहीं जम्मू-कश्मीर भारी बारिश के कारण माता वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा मंगलवार को लगातार आठवें दिन भी स्थगित रही. त्रिकुटा पहाड़ियों और कटरा में मंगलवार को भी जोरदार बारिश हुई. अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम को देखते हुए एहतियातन यात्रा को स्थगित रखा गया है. सभी मार्गों को आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है. वहीं जम्मू जिले के बरमीनी गांव में भारी बारिश के कारण कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
जम्मू में भारी बारिश का दौर जारी
जम्मू कश्मीर में भारी बारिश का दौर जारी है. भारी बारिश के कारण कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई स्थानों पर मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन और पहाड़ियों से पत्थर गिरने के कारण 250 किलोमीटर के मार्ग पर वाहनों की आवाजाही मंगलवार को फिर से स्थगित कर दी गयी. खराब मौसम और भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए एहतियात के तौर पर वाहनों की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जा सकती. मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि दो और तीन सितंबर को जम्मू के अधिकांश हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है. आईएमडी के मुताबिक दो सितंबर की देर रात या तीन सितंबर की सुबह से दोपहर देर तक कठुआ, जम्मू, उधमपुर और रियासी में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है.
उफान पर कई नदियां
मौसम विभाग का अनुमान है कि कई संवेदनशील स्थानों पर बादल फटने, अचानक बाढ़ आने, भूस्खलन या पहाड़ियों से पत्थर गिरने और नदियों और नालों में जल स्तर बढ़ने की संभावना है. विभाग ने लोगों से निचले स्थानों और जल निकायों से दूर रहने और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से बचने का निर्देश जारी किया है. मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटों में कठुआ जिले में सबसे अधिक 25.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. इसके बाद जम्मू में 17.8 मिमी, रामबन के बटोटे 17.6 मिमी और कटरा 15.8 मिमी बारिश दर्ज की गई.
जम्मू कश्मीर में तबाही की बरसात
जम्मू-कश्मीर में मानसून के दौरान बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की कई घटनाओं में काफी तबाही हुई है. इनमें 14 अगस्त से किश्तवाड़, कठुआ, रियासी और रामबन जिलों में बादल फटने, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ में 130 से अधिक लोग मारे गए हैं और 33 लापता हैं. मृतकों में 34 तीर्थयात्री भी शामिल हैं जो 26 अगस्त को वैष्णो देवी मंदिर के रास्ते में भूस्खलन की चपेट में आ गए थे.