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दिल्ली सरकार बाढ़ के हालात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार


Delhi Govt: दिल्ली में बारिश के कारण सिर्फ जलभराव ही नहीं बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है. दिल्ली में बारिश ने पिछले कई साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. साथ ही हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. दिल्ली में यमुना के बढ़ते जलस्तर और कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक समीक्षा बैठक कर हालात का जायजा लिया.

मंगलवार को गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के पास एक राहत शिविर का दौरा कर आम लोगों से बातचीत कर उनकी परेशानियों को समझा और बाढ़ से निपटने के लिए अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश जारी कर सभी तरह की सहायता पहुंचाने को कहा. मंगलवार सुबह यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर 205.80 मीटर तक पहुंच गया, जिससे दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया.

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में अभी हालात नियंत्रण में हैं. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आम लोगों के लिए प्रशासन की ओर से सभी तरह की तैयारी की गयी है. गौरतलब है कि कुछ साल पहले यमुना में आयी बाढ़ के कारण दिल्ली के कई इलाके पानी में डूब गए थे और ऐसे में किसी भी संभावित नुकसान से निपटने के लिए पहले से तैयारी की जा रही है. 

बाढ़ से निपटने की है तैयारी पुख्ता

मुख्यमंत्री ने कहा कि हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया पानी देर शाम तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है. बाढ़ की संभावना को देखते हुए निचले इलाकों के लोगों के लिए राहत शिविरों में सभी व्यवस्थाएं पूरी कर दी गई हैं और बाढ़ की स्थिति बने रहने तक नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की करने का काम सरकार करेगी. मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकारों से संपर्क कर मदद की पेशकश की है. संभागीय आयुक्त नीरज सेमवाल ने बताया कि जलस्तर बढ़ने के कारण पुराने रेलवे पुल पर यातायात बंद करने का परामर्श जारी किया गया है.

घबराने की कोई जरूरत नहीं है और सभी तैयारियां पूरी हैं. पंजाब सहित जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बारिश के कारण हालात बेकाबू हो गए हैं. पंजाब के कई इलाके बाढ़ में डूब गए हैं और बाढ़ के कारण कृषि को व्यापक नुकसान हुआ है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली सरकार बाढ़ के इस हालात में जम्मू-कश्मीर और पंजाब के लोगों के साथ खड़ी है. पंजाब में बाढ़ के कारण अगले दो-तीन साल तक कृषि पर प्रतिकूल असर पड़ना तय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब को हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है और इस संकट के समय पूरा देश पंजाब के साथ खड़ा है.