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शांति चाहते हैं, तो युद्ध के लिए… रण संवाद में गरजे सीडीएस अनिल चौहान, कहा- ‘ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी’


CDS Anil Chauhan: मध्य प्रदेश के महू में आयोजित रण संवाद कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने आधुनिक युद्ध और भविष्य की चुनौतियों पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से कई महत्वपूर्ण सबक सीखे गए हैं, जिनमें से अधिकांश पर अमल हो रहा है और कुछ पर हो चुका है. ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है. हालांकि, उन्होंने साफ किया कि यह सेमिनार ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा के लिए नहीं, बल्कि उससे आगे की चुनौतियों और रणनीतियों पर विचार करने के लिए आयोजित किया गया है.

भविष्य के युद्ध सिर्फ तकनीक तक नहीं सीमित- CDS

जनरल चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि भविष्य के युद्ध केवल तकनीक तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि उनके स्वरूप और पृष्ठभूमि को समझना भी आवश्यक है. उन्होंने चार प्रमुख रुझानों को बताया, जो आने वाले समय के युद्धों को प्रभावित कर सकते हैं.

भारत हमेशा शांति के पक्ष में रहा

पहला, राष्ट्रों और सरकारों में बल प्रयोग की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है, क्योंकि अब राजनीतिक उद्देश्यों को अल्पकालिक संघर्षों से हासिल किया जा सकता है. दूसरा युद्ध और शांति के बीच अंतर का अभाव, इस विशेष युग में, जिसे हम घोषित युद्धों के रूप में जानते थे, मुझे लगता है कि वह अब समाप्त हो गया है. आज का समकालीन युद्ध (Competition), संकट (Crisis), टकराव (Confrontation), संघर्ष (Conflict) और युद्ध (Combat)- इन पांच ‘C’ पर आधारित है. उन्होंने कहा कि भारत हमेशा शांति के पक्ष में रहा है. हम एक शांतिप्रिय राष्ट्र हैं, लेकिन गलतफहमी में न पड़ें, हम शांतिवादी नहीं हो सकते. CDS ने लैटिन उद्धरण देते हुए कहा कि अगर आप शांति चाहते हैं, तो युद्ध के लिए तैयार रहें.

अतीत में युद्ध विचारधारा के लिए लड़े गए

तीसरा, लोगों का महत्व बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि अतीत में युद्ध क्षेत्र और विचारधारा के लिए लड़े गए थे, जिसमें सैनिकों और नागरिकों की बलि दी गई. लेकिन अब लोगों की भूमिका और उनकी भागीदारी युद्ध की दिशा तय करती है.

आज जीत का मापदंड अलग

चौथा, जीत के पैमाने को नए सिरे से समझने की जरूरत है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 1971 में भारत ने 95,000 पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाकर जीत दर्ज की थी, लेकिन आज विजय का मापदंड अलग है. आधुनिक युद्धों में सफलता का आकलन संचालन की गति, लंबी दूरी के सटीक हमलों और उनके प्रभाव से किया जाएगा.