WFP: दुनिया भर में बढ़ती भुखमरी और खाद्य असुरक्षा से निपटने के लिए केंद्र सरकार और संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (वर्ल्ड फूड प्रोग्राम- डब्ल्यूएफपी) ने सोमवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते के तहत भारत, डब्ल्यूएफपी को ‘फोर्टिफाइड चावल’ (पोषक तत्वों से युक्त चावल) उपलब्ध कराएगा, जिसे उन देशों में भेजा जाएगा जहां लोग भुखमरी और कुपोषण से जूझ रहे हैं. आज भी दुनिया के कई देशों में लोग भूखे पेट सोने को मजबूर हैं.
युद्ध, प्राकृतिक आपदाएं और आर्थिक संकट की वजह से करोड़ों लोगों के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है. डब्ल्यूएफपी ऐसे इलाकों में मदद पहुंचाता है. भारत में हर साल पर्याप्त अनाज पैदा होता है और अब वह अपने संसाधनों को मानवता की सेवा में लगाने जा रहा है. फोर्टिफाइड चावल में आयरन, फॉलिक एसिड और विटामिन बी-12 जैसे पोषक तत्व मिलाए जाते हैं. इससे न सिर्फ भूख मिटती है बल्कि लोगों को बेहतर पोषण भी मिलता है.
भुखमरी पूरी मानवता के लिए चुनौती
इस अवसर पर खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजय चोपड़ा ने कहा कि भारत ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ यानी पूरी दुनिया को एक परिवार मानता है. भारत यह मानता है कि किसी भी देश की भुखमरी पूरी मानवता की चुनौती है. इसलिए जरूरतमंदों की मदद करना हमारी जिम्मेदारी है. वहीं डब्ल्यूएफपी के उप कार्यकारी निदेशक कार्ल स्काउने ने भारत की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि जब पूरी दुनिया सीमित संसाधनों और घटती मानवीय मदद से जूझ रही है, ऐसे समय में भारत का योगदान बेहद सराहनीय है. यह साझेदारी न सिर्फ भूख मिटाने में मदद करेगी बल्कि वैश्विक स्तर पर शांति और स्थिरता लाने में भी अहम भूमिका निभाएगी.
इससे पहले फरवरी 2025 में रोम में एक बैठक के दौरान भारत और डब्ल्यूएफपी के बीच इस विषय पर चर्चा हुई थी और भारत अब उन देशों के लिए खाद्य उपलब्ध करायेगा, जिन देशों में भुखमरी की समस्या है. इसके अतिरिक्त भविष्य में दोनों पक्ष कई क्षेत्रों में सहयोग करेंगे, जिसमें अनाज के भंडारण और वितरण की नई तकनीक, जन पोषण केंद्र और ‘अनाज एटीएम’ मोबाइल स्टोरेज यूनिट, स्मार्ट वेयरहाउसिंग सिस्टम जैसी योजनाएं हैं. कार्यक्रम में भारतीय खाद्य निगम के चेयरमैन, एशिया प्रशांत क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक, डब्ल्यूएफपी के इंडिया कंट्री डायरेक्टर समेत केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहें.