Fatehpur News: फतेहपुर जिले में सोमवार को हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों ने नवाब अबू समद के मकबरे में घुसकर हंगामा और धार्मिक नारे लगाए थे. उनका दावा है कि यह स्थान पहले मंदिर था, जिसके बाद हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदायों के बीच टकराव देखने को मिला, जिसकी वजह से इलाके में तनाव फैल गया. हालांकि, घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने मोर्चा संभाल लिया है. मकबरे के एक किलोमीटर दायरे में सभी सड़कें बंद कर दीं और इलाके को ड्रोन निगरानी में रखा है. इस मामले को विधानसभा के मॉनसून सत्र में जमकर हंगामा हुआ.
ड्रोन की निगरानी में पूरा इलाका
पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह ने कहा कि कड़ी निगरानी रखी जा रही है. पूरा इलाका ड्रोन की निगरानी में है. किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं है. मकबरे के क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत सोमवार रात तक पूरी कर दी गई. उन्होंने यह भी बताया कि की वीडियो मिले हैं, जिनमें कई लोग मकबरे के आसापास भगवा झंडे लिए जय श्री राम के नारे लगाते दिखाई दे रहे हैं. लेकिन किसी के पास कोई हथियार नहीं है.
उलेमा काउंसिल ने की घटना की निंदा
अपर पुलिस महानिदेशक (प्रयागराज) संजीव गुप्ता ने घटनास्थल का निरीक्षण कर अतिरिक्त बल की तैनाती के निर्देश दिए और फ्लैग मार्च निकाला. साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पड़ोसी जिले कौशांबी और प्रयागराज से अतिरिक्त बल बुलाने की मंजूरी दी है. उलेमा काउंसिल ने घटना की निंदा करते हुए इसे ऐतिहासिक स्मारक को नुकसान पहुंचाने की कोशिश बताया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
150 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान और शांति भंग करने के आरोप में 150 से ज्यादा लोगों पर मामला दर्ज किया है. नामजद आरोपियों में बजरंग दल नेता धर्मेंद्र सिंह, बीजेपी नेता अभिषेक शुक्ला, अजय सिंह, देवनाथ धाकड़, विनय तिवारी, पुष्पराज पटेल, रितिक पाल, प्रसून तिवारी और सपा नेता पप्पू चौहान शामिल हैं. मामले को लेकर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का कहना है कि सरकार इस घटना को गंभीरता से ले रही है.