Parliament Monsoon Session: संसद के दोनों सदनों में सोमवार को विपक्षी सांसद लगातार हंगामा करते रहे. जिससे सदन की कार्यवाही लगातार प्रभावित होती रही. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने संसद की कार्यवाही में बार-बार हो रहे व्यवधान के लिए कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “सरकार अब लोकसभा एवं राज्यसभा दोनों में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने की दिशा में आगे बढ़ेगी, जिसके बाद संसद में आठ विधेयक पारित किए गए.”
कौन-कौन विधेयक हुए पारित
लोकसभा – राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, आयकर (संख्यांक 2) विधेयक और कराधान विधि (संशोधन) विधेयक.
राज्यसभा – राज्यसभा ने गोवा राज्य, सभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति प्रतिनिधित्व का पुन: समायोजन विधेयक, वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक को पारित कर दिया तथा मणिपुर विनियोग विधेयक और मणिपुर माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक को वापस कर दिया, जो पहले ही लोकसभा द्वारा पारित किए जा चुके हैं.
निर्धारित समय से पहले समाप्त हो जाएगा संसद का मानसून?
किरेन रीजीजू से जब संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही निर्धारित समय से पहले समाप्त होने की अटकलों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘वो तो देखते हैं. विपक्ष संसद की कार्यवाही चलने देने में दिलचस्पी नहीं रखता. विपक्ष को केवल खबरों के प्रबंधन में रुचि है. उन्हें लोकतांत्रिक संस्थाओं में भरोसा नहीं है.’’ मानसून सत्र की शुरुआत 21 जुलाई को हुई थी और इसके 21 अगस्त तक चलने का कार्यक्रम है.
हम महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराएंगे : रीजीजू
रीजीजू ने कहा, ‘‘हम हर दिन एक मुद्दे पर देश और संसद का समय बर्बाद नहीं होने देंगे. इसलिए, हम महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराएंगे.’’उन्होंने कहा कि सरकार महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा के लिए उत्सुक है, लेकिन विपक्ष द्वारा बार-बार व्यवधान के कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित हो रही है. रीजीजू ने कहा कि विपक्षी सदस्य जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाने में रुचि नहीं रखते हैं और हर दिन केवल एक मुद्दे पर विरोध करने के लिए उत्सुक रहते हैं.
संसद में अब तक अधिकतर समय हंगामे की भेंट चढ़ गया
संसद में अब तक का अधिकतर समय हंगामे की भेंट चढ़ गया. इस दौरान दो दिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा हुई. विपक्षी दल के सांसद भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर भी सरकार को घेरा और जोरदार हंगामा किया. विपक्षी दल इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में मतदाता सूची के एसआईआर को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. विपक्ष इस मुद्दे पर संसद में चर्चा की मांग कर रहा है, जिसे सरकार ने यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि निर्वाचन आयोग जैसी किसी संवैधानिक संस्था के कामकाज पर सदन में चर्चा नहीं हो सकती.
ये भी पढ़ें: Rahul Gandhi vs ECI: डेटा फटेगा…’वोट चोरी’ पर सड़क से संसद तक बवाल, राहुल गांधी के समर्थन में विपक्ष ने खोला मोर्चा