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छात्रसंघ चुनाव में एक लाख रुपये का बांड ‘छात्र विरोधी’ फैसला


DUSU Election: दिल्ली यूनिवर्सिटी(डीयू) में दाखिले के साथ ही छात्र संघ चुनाव की तैयारी शुरू हो गयी है. सितंबर में छात्र संघ चुनाव होने की संभावना है. लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव से पहले विश्वविद्यालय प्रशासन के एक नए फैसले ने विवाद खड़ा कर दिया है. प्रशासन ने चुनाव के लिए जारी दिशानिर्देशों के तहत चुनाव में भाग लेने वाले सभी उम्मीदवार के लिए एक लाख रुपये का बांड भरना अनिवार्य कर दिया है. 

डीयू प्रशासन के इस फैसले को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने ‘छात्र विरोधी और अलोकतांत्रिक’ करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की. एबीवीपी ने आरोप लगाया कि यह नियम आर्थिक रूप से कमजोर और सामान्य वर्ग के छात्रों को चुनाव लड़ने से रोकने की साजिश है. संगठन का कहना है कि डूसू चुनाव देश की छात्र राजनीति का एक महत्वपूर्ण मंच है और इसमें सभी छात्रों की समान भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए.

गरीब छात्रों के लिए यह फैसला बनेगा दीवार

एबीवीपी के दिल्ली प्रदेश के मंत्री सार्थक शर्मा ने डीयू प्रशासन के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि एक लाख रुपये के बांड का प्रावधान गरीब और साधारण पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए एक दीवार खड़ी करने का काम करेगा. यह फैसला लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन है. इससे छात्र राजनीति सिर्फ आर्थिक तौर पर सशक्त वर्ग तक सीमित हो जाएगी. छात्रसंघ चुनाव विचारों, सेवा और नेतृत्व का मंच होता है, न कि आर्थिक ताकत का.

एबीवीपी ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि इस भेदभावपूर्ण और अवसर की समानता को बाधित करने वाले फैसले को तुरंत वापस लिया जाए. अगर ऐसा नहीं किया गया तो संगठन इसके खिलाफ आंदोलन करेगा. क्योंकि छात्र हित में इस नियम को किसी तरह भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि अभी इस मामले में अन्य छात्र संगठनों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है. डूसू चुनाव में मुख्य मुकाबला एबीवीपी और कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के बीच होता रहा है.