SIR: संसद का मानसून सत्र बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण(एसआईआर) के कारण लगातार बाधित हो रहा है. विपक्ष इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने की मांग कर रहा है, जबकि सरकार का कहना है कि मामला अदालत में विचाराधीन है और ऐसे मामले पर सदन में चर्चा नहीं हो सकती है. एसआईआर पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष के अड़े होने के कारण सदन के दोनों सदन की कार्यवाही नहीं चल पा रही है. सरकार की ओर से साफ कहा जा चुका है कि एसआईआर पर सदन में बहस नहीं हो सकती है. हालांकि सरकार और विपक्ष के बीच सदन चलाने को लेकर सहमति के प्रयास भी किये जा रहे हैं.
एसआईआर पर बने गतिरोध को दूर करने के लिए विपक्ष की ओर से अब कहा गया है कि सरकार को चुनाव सुधार पर व्यापक चर्चा करनी चाहिए. हालांकि सरकार की ओर से पहले ही एसआईआर की बजाय चुनाव सुधार जैसे विषय पर चर्चा कराने का प्रस्ताव दिया जा चुका है. विपक्ष की पेशकश के बाद संभावना है कि आने वाले समय में सदन में गतिरोध दूर हो सकता है. विपक्ष चुनाव सुधार के बहाने एसआईआर पर भी चर्चा कर सकती है, वहीं सरकार की ओर से चुनाव सुधार के लिए चुनाव आयोग की ओर से किये जा रहे कामों को बताया जा सकता है.
लोकसभा में बुधवार को भी सदन की कार्यवाही शुरू हाेते ही विपक्षी सांसद एसआईआर पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करने लगे. हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और नियम के तहत इस पर चर्चा नहीं हो सकती है.
गतिरोध दूर होने की संभावना
संसद का मॉनसून सत्र में विपक्ष की ओर से ऑपरेशन सिंदूर, एसआईआर और अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग की गयी. सरकार की ओर से ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग को स्वीकार किया गया और दोनों सदन में इस मुद्दे पर लंबी बहस हुई. इस चर्चा के बाद विपक्ष की ओर से बिहार में एसआईआर पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा जारी है. विपक्ष इस मामले को लेकर सदन के बाहर भी प्रदर्शन कर रहा है. संसद में लगातार बने गतिरोध के बीच अब इसके दूर होने की संभावना दिख रही है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि चुनाव सुधारों और चुनाव आयोग के कामकाज पर संसद में पहले भी कई बार चर्चा हो चुकी है. उनके इस बयान से साफ जाहिर होता है कि विपक्ष अब संसद में गतिरोध दूर करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई ने भी कहा कि वर्ष 1961 में राज्यसभा में चुनाव नियमों में संशोधन पर चर्चा हुई थी. सरकार को चुनाव सुधारों पर चर्चा जल्द करनी चाहिए. गौरतलब है कि बिहार में मतदाता सूची के एसआईआर को लेकर भले ही विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है,
लेकिन ड्राफ्ट मसौदे के खिलाफ विपक्ष की ओर से अभी तक कोई शिकायत नहीं दी गयी है. चुनाव आयोग की ओर से सभी राजनीतिक दलों को किसी भी तरह की शिकायत को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराने को कहा गया है.