10 मिनट में पहुंचे सेना के 150 जवान, बचाई 20 लोगों की जान, प्रत्यक्षदर्शी ने बताया तबाही का आंखों देखा हाल
Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में मंगलवार का दिन बड़ा अमंगल लेकर आया. धराली गांव में बादल फटने से कई इलाकों में तबाही मच गई. बादल फटने की घटना के बाद अचानक से भीषण बाढ़ आ गई. आधिकारिक रूप से हादसे में चार लोगों की मौत हो गई है, जबकि दर्जनों लोग लापता हैं. सोशल मीडिया हादसे के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, उसमें पानी की ऊंची लहरें उठती दिखाई दे रही हैं जिनकी चपेट में आकर मकान, होटल और अन्य इमारतें ढहती हुई दिख रही हैं. कुछ और वीडियो में दिख रहा है कि लोग पानी से बचने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. लेकिन, बहाव इतना तेज है कि लाख बचने की कोशिश के बाद भी लोग बहे जा रहे हैं.
प्रत्यक्षदर्शी ने सुनाया आंखों देखा हाल
मुखबा गांव के रहने वाले एक प्रत्यक्षदर्शी सुभाष चंद्र सेमवाल ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा भयावह दृश्य कभी नहीं देखा.सेमवाल ने कहा कि दोपहर बाद जब वह आराम करने जा रहे थे उसी समय उन्हें बहुत तेज रफ्तार से पानी और पत्थरों के बहने की आवाज सुनाई दी. आवाज सुनकर वो और उनका परिवार घर से बाहर निकल आए. सेमवाल ने कहा “जब हमने खीरगंगा में भारी मात्रा में पानी बहकर नीचे की ओर आते देखा तो हम सब पहले तो घबरा गए, फिर हमने धराली बाजार में रहने वाले लोगों को सतर्क करने के लिए सीटियां बजायीं और चिल्ला-चिल्ला कर उन्हें वहां से भागने को कहा.”
देखते-देखते मच गई चीख पुकार
सेमवाल ने कहा कि उन लोगों की आवाज सुनकर कई लोग होटल से निकलकर भागे. लेकिन, बाढ़ का वेग इतना तेज था कि देखते ही देखते वे सब उसमें समा गए और सब कुछ वहीं दफन हो गया. भूस्खलन और बादल फटने की घटना ने सेना के शिविर और हमारी बचाव टुकड़ियों के एक हिस्से को भी प्रभावित किया. उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना पर ब्रिगेड कमांडर ब्रिगेडियर मंदीप ढिल्लों ने बताया कि भूस्खलन और बादल फटने की घटना ने सेना के शिविर और हमारी बचाव टुकड़ियों के एक हिस्से को भी प्रभावित किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हर्षिल में नदी के किनारे बना हेलीपैड बह गया है. वहीं भारी बारिश के कारण राहत और बचाव में काफी मुश्किल हो रही है.
राहत और बचाव के लिए पहुंची सेना
आपदा की सूचना मिलते ही मौके पर सबसे पहले सेना पहुंची, जवानों ने तत्काल प्रभाव से राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया. जानकारी के अनुसार सेना का हर्षिल कैंप घटनास्थल से केवल चार किलोमीटर दूर है और इस कारण सेना के करीब 150 जवान केवल 10 मिनट में ही वहां पहुंच गए और 20 लोगों को बचा लिया. कई जगह सेना के जवानों ने रस्सी के सहारे लोगों को खींचकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. सेना द्वारा सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए वीडियो में हर जगह मलबा दिखाई दे रहा है. सेना के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों को आपदाग्रस्त धराली से फिलहाल दूर रहने को कहा गया है. एसडीआरएफ के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उनकी 50 जवानों की विशेषज्ञ टीम भी अपने जरूरी उपकरणों के साथ राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई है.
#WATCH | Uttarkashi cloudburst incident | Brigadier Mandeep Dhillon, Brigade Commander, says, "Today, at about 1345 hours, a mudslide and an avalanche struck the Dharali village. The Indian Army column located at Harsil Post was the first to respond and reach the village within… pic.twitter.com/nl8Yb6X7ux
— ANI (@ANI) August 5, 2025
धराली की तबाही ने ताजा कर दी केदारनाथ और ऋषिगंगा आपदा याद
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में मंगलवार दोपहर बादल फटने से मची भीषण तबाही ने 2013 की केदारनाथ और 2021 की ऋषिगंगा आपदा की भयावह यादें ताजा कर दी है. केदारनाथ और ऋषिगंगा में आई बाढ़ की तरह ही धराली की खीरगंगा नदी में आया पानी और मलबे का विनाशकारी सैलाब कुछ क्षणों में ही बड़े-बड़े होटलों और मकानों को अपने साथ बहा ले गया और गंगोत्री धाम के रास्ते में स्थित खूबसूरत क्षेत्र पलक झपकते ही मलबे के ढेर के नीचे दब गया.