Delhi Railway Station Tragedy: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि फरवरी में महाकुंभ के दौरान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत हुई थी. दरअसल, एक यात्री के सिर से सामान गिरने से रेलवे स्टेशन पर भगदड़ शुरू हुई थी. समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के सवाल के जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी.
रेल मंत्री ने बताया कि 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर दुखद घटना हुई. इसकी जांच के लिए गठित एक उच्चस्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि हादसा एक यात्री के सिर से भारी बैग या गठरी गिरने से शुरू हुआ था. यह “बड़ा हेडलोड” जैसे ही नीचे गिरा, सीढ़ियों पर लोगों का संतुलन बिगड़ने लगा और कई लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए. यह हादसा प्लेटफॉर्म 14 और 15 को जोड़ने वाली सीढ़ियों पर हुआ था.
फुट ओवरब्रिज (FOB) पर यात्रियों की भीड़ धीरे-धीरे बढ़ने लगी
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लिखित जवाब में बताया कि शाम 8:15 बजे के बाद फुट ओवरब्रिज (FOB) पर यात्रियों की भीड़ धीरे-धीरे बढ़ने लगी थी. कई लोग सिर पर भारी सामान लेकर चल रहे थे, जिससे चलने में दिक्कत हो रही थी. ऐसा ही एक सामान सिर से गिर गया, जिससे भीड़ का दबाव सीढ़ियों की ओर बढ़ गया. इसके चलते रात 8:48 बजे FOB-3 पर कुछ यात्री लड़खड़ा गए और गिरने लगे. इसके बाद लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए.
करीब 49,000 सामान्य टिकट बिके, जो औसतन 13,000 ज्यादा थे
यह घटना उस समय हुई जब प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों के लिए भीड़ अपने चरम पर थी, क्योंकि वहां 45 दिन का महाकुंभ मेला चल रहा था. उस दिन करीब 49,000 सामान्य टिकट बिके, जो औसतन 13,000 ज्यादा थे, जिससे प्रमुख प्लेटफॉर्मों पर भारी भीड़ हो गई.
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हालांकि लोगों ने इस घटना को भगदड़ बताया, लेकिन मंत्री ने अपने आधिकारिक जवाब में यह शब्द नहीं इस्तेमाल किया. इस बड़े हादसे की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी रात एक्स (पूर्व ट्विटर) पर शोक जताते हुए इसे दुखद बताया था.