Parliament: संसद के मॉनसून सत्र के 10 दिन हो चुके हैं. इस दौरान सिर्फ दो दिन ही संसद में कामकाज हो पाया है. ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के बाद विपक्ष एक बार फिर बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण(एसआईआर) को लेकर संसद के अंदर और बाहर प्रदर्शन कर रहा है. शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने एसआईआर पर चर्चा कराने की मांग की. विपक्ष की ओर से राज्यसभा में इस मसले पर कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया गया था, जिसे उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया. उपसभापति ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है और इस मामले पर चर्चा नहीं हो सकती है.
इसके बाद विपक्ष की ओर से वेल में आकर हंगामा किया जाने लगा और हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही पहले दो बजे और फिर सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी. लोकसभा में भी विपक्ष की ओर से एसआईआर पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा किया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अपील के बाद भी विपक्षी सांसद हंगामा करते रहे और सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा. उन्होंने कहा कि सांसदों को आम लोगों ने जनता का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना है और लोकसभा में जनता से जुड़े मुद्दे उठाने की बजाय हंगामा कर रहे हैं. देश की जनता सांसदों के व्यवहार को देख रही है.
विपक्ष का आरोप चुनाव आयोग की प्रक्रिया नहीं है पारदर्शी
चुनाव आयोग की ओर से शुक्रवार को बिहार की मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशित किया गया. विपक्षी दल के सांसद संसद के बाहर इस मुद्दे पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. चुनाव आयोग साफ कर चुका है कि एसआईआर का मकसद किसी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची से हटाने का नहीं है. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया है कि राज्य के सभी 38 जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) द्वारा सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को इसकी भौतिक और डिजिटल कॉपी दी जाएगी. अगर कोई आपत्ति होगी तो उसका निवारण प्रक्रिया के तहत किया जायेगा.
इस मामले पर विपक्ष बिहार में भी बड़ा प्रदर्शन कर चुका है.
फिलहाल मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है, लेकिन अदालत ने एसआईआर पर रोक लगाने से इंकार कर दिया. शुक्रवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर आरोप लगाया कि चुनाव आयोग वोट चोरी करा रहा है और उनके पास इसके पुख्ता सबूत हैं. चुनाव आयोग भाजपा के लिए वोट चोरी में शामिल है और सबूत सामने आने के बाद चुनाव आयोग कहीं नहीं दिखेगा. गौरतलब है कि इससे पहले भी राहुल गांधी चुनाव आयोग के खिलाफ आरोप लगा चुके हैं. हालांकि आयोग ने सभी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है.