Election Commission: उपराष्ट्रपति रहे जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद नये उपराष्ट्रपति के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है. चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल की सूची को अंतिम रूप दे दिया है. उपराष्ट्रपति चुनावों में वोट करने वाले सांसदों की सूची नाम और राज्य के हिसाब से तैयार कर ली गयी है. गुरुवार को आयोग ने बताया कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव नियम 1974 की धारा 40 के तहत आयोग को इलेक्टोरल कॉलेज के मतदाताओं की अपडेट सूची तैयार करना जरूरी है. इस नियम के तहत चुनाव आयोग ने वर्ष 2025 में होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल तैयार किया है.
चुनाव में शामिल होने वाले सदस्यों की सूची अल्फाबेट के आधार पर राज्यों के नाम के आधार पर बनाया गया है. जल्द ही आयोग उपराष्ट्रपति चुनाव के तारीख की घोषणा कर सकता है और चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही मतदाता सूची को चुनाव आयोग के काउंटर से राजनीतिक दल खरीद सकते हैं. संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत चुनाव आयोग को उपराष्ट्रपति का चुनाव कराने का अधिकार है. संविधान के अनुच्छेद 66(1) के तहत उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य करते हैं. इस चुनाव में राज्यसभा के मनोनीत सांसद भी शामिल हो सकते हैं.
अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव का रास्ता साफ
उपराष्ट्रपति रहे जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को औपचारिक मंजूरी मिलने के बाद चुनाव आयोग ने नये उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. इसके लिए आयोग ने राज्यसभा के महासचिव को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया था. धनखड़ के इस्तीफे के बाद सवाल है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा. सरकार की ओर से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है. मौजूदा संख्या के आधार पर सरकार की ओर से नामित व्यक्ति का उपराष्ट्रपति बनना तय है. उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद मतदान करते हैं. संख्या बल के आधार पर एनडीए के पास लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत है.
लोकसभा के कुल 543 और राज्यसभा के 245 सदस्य उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करते हैं. मौजूदा समय में राज्यसभा में भाजपा और सहयोगी दलों की संख्या 129 और लोकसभा में 293 हैं. ऐसे में एनडीए के पास उपराष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त संख्या मौजूद है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि अगले उपराष्ट्रपति के तौर पर एनडीए का कौन उम्मीदवार होगा. औपचारिक घोषणा होने तक नाम के बारे में कुछ कहना संभव नहीं है. उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है. राज्यसभा के संचालन में उपराष्ट्रपति की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है.