Railway: देश में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को गति देने के लिए केंद्र सरकार सड़क और रेल की महत्वपूर्ण योजनाओं को तय समय में पूरा करने पर जोर दे रही है. गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में रेल मंत्रालय की लगभग 11169 करोड़ रुपये लागत वाली चार परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी. जिसके तहत ईटारसी- नागपुर के बीच चौथी लाइन, औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) – परभणी दोहरीकरण, अलुआबारी रोड- न्यू जलपाईगुड़ी तीसरी और चौथी लाइन और डांगोपोसी- जारोली तीसरी और चौथी लाइन का निर्माण किया जायेगा. इसके निर्माण से रेलवे की परिचालन क्षमता और सेवा में काफी सुधार होगा. यह मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव संचालन को सुव्यवस्थित करने और भीड़ को कम करने में भी सहायक होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नये भारत के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए इन परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी है. यह सभी परियोजना पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पर बनायी गयी है, जिसमें एकीकृत योजना और हितधारक परामर्श के जरिये मल्टी-मोडल संपर्क और रसद क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया गया है. इसके पूरा होने से आम लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही की गति निर्बाध तरीके से हो सकेगी. इस परियोजना से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड के 13 जिलों में भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 574 किलोमीटर की वृद्धि होगी.
माल ढुलाई में होगी वृद्धि
प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 2309 गांवों तक संपर्क बढ़ेगा और इससे 43.60 लाख लोगों को फायदा होने की संभावना है. परियोजना के पूरा होने से कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि उत्पाद और पेट्रोलियम उत्पादों जैसी वस्तुओं के परिवहन की गति तेज होगी. इसके कारण लगभग हर साल 95.91 मिलियन टन प्रति वर्ष सामान की आवाजाही में बढ़ोत्तरी होगी. इससे रेलवे की आय बढ़ने के साथ आर्थिक गतिविधि भी तेज होगी. परिवहन के दूसरे माध्यम के मुकाबले रेलवे पर्यावरण के अनुकूल है. जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने और देश की रसद लागत, तेल आयात (16 करोड़ लीटर) कम करने और कार्बन उत्सर्जन (515 करोड़ किलोग्राम) कम करने में मददगार साबित होगा. परियोजनाओं के निर्माण के दौरान 229 लाख मानव दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार सृजित भी होंगे.
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए रेल एवं सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, “इटारसी और नागपुर के बीच चौथी रेल लाइन के निर्माण से दिल्ली और चेन्नई के साथ-साथ मुंबई और हावड़ा को जोड़ने वाले उच्च-घनत्व वाले गलियारे पर दबाव कम करने में मदद मिलेगी. अलुआबाड़ी से न्यू जलपाईगुड़ी तक रेलवे लाइन का विस्तार होने से पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और इससे बिहार, झारखंड जैसे राज्यों को भी आर्थिक फायदा होगा. अलुआबाड़ी बिहार से बंगाल के सिलीगुड़ी तक फैला है. इन लाइनों को मजबूत करना बेहद जरूरी है.”