UNSC Report On Pahalgam Attack: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रतिबंध निगरानी दल ने मंगलवार को 36वीं रिपोर्ट जारी की. जिसमें 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का उल्लेख किया गया है. इस हमले में 26 नागरिकों की हत्या कर दी गई थी. पहलगाम हमले के बाद 25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक बयान जारी कर कहा था कि ऐसे घृणित आतंकवादी कृत्य के जिम्मेदार अपराधियों, षडयंत्रकर्ताओं, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाना जरूरी है. हालांकि, पाकिस्तान के दबाव में उस बयान में टीआरएफ का नाम शामिल नहीं किया गया था.
The report of the Monitoring Team (MT) of the UNSC 1267 [ISIS (Da’esh) & Al-Qaida] Sanctions Committee has been released.
“On 22 April, five terrorists attacked a tourist spot in Pahalgam, in Jammu and Kashmir. Twenty-six civilians were killed. The attack was claimed that same… pic.twitter.com/BYnqyWPOAg
— ANI (@ANI) July 30, 2025
पाक ने सुरक्षा परिषद के बयान में टीआरएफ के नाम को हटवाने की कोशिश की
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने सोमवार को संसद में कहा कि सुरक्षा परिषद में बयान पर चर्चा के दौरान पाकिस्तान ने टीआरएफ के नाम का किसी भी प्रकार का उल्लेख हटवाने की कोशिश की थी. अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट में पहलगाम हमले में भूमिका के लिए टीआरएफ का उल्लेख किया गया है, जिससे पाकिस्तान समर्थित सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति मजबूत होने की उम्मीद है.
पहलगाम हमले को 5 आतंकवादियों ने दिया था अंजाम
रिपोर्ट में कहा गया है कि पहलगाम हमले को पांच आतंकवादियों ने अंजाम दिया था. इसमें कहा गया है, ‘‘टीआरएफ ने इस हमले की जिम्मेदारी उसी दिन ली और साथ ही घटनास्थल की एक तस्वीर भी प्रकाशित की थी.’’ यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध समिति को सौंपी गयी है. इसमें कहा गया है कि टीआरएफ ने अगले दिन भी दोबारा इस हमले की जिम्मेदारी ली लेकिन 26 अप्रैल को टीआरएफ ने अपने दावे को वापस ले लिया. इसके बाद टीआरएफ की ओर से कोई और बयान नहीं आया. न ही किसी अन्य समूह ने जिम्मेदारी ली.
पहलगाम हमला पाकिस्तान के समर्थल के बिना संभव नहीं था : रिपोर्ट
रिपोर्ट में एक सदस्य देश के हवाले से कहा गया है, ‘‘यह हमला पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के समर्थन के बिना संभव नहीं था और टीआरएफ तथा लश्कर के बीच संबंध हैं. एक अन्य सदस्य देश ने कहा कि हमला टीआरएफ ने किया था जो लश्कर का ही दूसरा नाम है.’’ हालांकि, एक अन्य सदस्य देश ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि लश्कर-ए-तैयबा अब निष्क्रिय हो चुका है.
ये भी पढ़ें: ‘दुनिया के किसी नेता ने भारत से ऑपरेशन सिंदूर रोकने को नहीं कहा’, राहुल गांधी को पीएम मोदी का जवाब
ये भी पढ़ें: PM Modi on Operation Sindoor: पीएम मोदी की हुंकार, ‘भारत पर हमला हुआ, तो अपनी शर्तों और अपने समय पर देंगे जवाब’
ये भी पढ़ें: Parliament Operation Sindoor Debate: ’22 अप्रैल का बदला सेना ने 22 मिनट में लिया’, विपक्ष पर पीएम मोदी का हमला