UCC: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत शादी, तलाक और लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण करने के लिए 6 महीने का समय दिया गया था, जिसकी समय सीमा 27 जुलाई को समाप्त होने वाली है. इस कारण से लोगों में पंजीकरण को लेकर हड़बड़ी देखने को मिल रही है.
जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड में 27 जनवरी 2024 को समान नागरिक संहिता (UCC) कानून लागू किया गया था, जिसके तहत 2010 से लेकर अब तक हुई शादियों, तलाक और लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण कराने का निर्देश दिया गया था. इसका मुख्य उद्देश्य सभी नागरिकों को समान अधिकार मिले, इसे सुनिश्चित करना है. इस कानून के अंतर्गत लैंगिक समानता, बहुविवाह पर रोक और लिव-इन रिलेशनशिप में पारदर्शिता जैसे प्रावधान आते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्ष की शुरुआत से लेकर अब तक करीब 2 लाख से ज्यादा शादियों के पंजीकरण के लिए आवेदन आए, जिनका पंजीकरण पूरा हो चुका है. इसके साथ ही 90 लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण किया गया है. जानकारी के मुताबिक, पंजीकृत हुई 90 लिव-इन रिलेशनशिप में से 72 प्रतिशत कम उम्र के लोग हैं. यह कानून लिव-इन में रहने वाली महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. इसके साथ ही बहुविवाह और निकाह हलाला समेत अन्य पर रोक लगाने के लिए लाया गया है. बता दें कि इस कानून के तहत जो जोड़ा लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण समय सीमा के अंदर नहीं करेगा, उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है.
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