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53 दनों से घूम रहा था आदमखोर बाघ, एक की जान लेने के बाद पकड़ा गया


Aadamkhor Tiger: आदमखोर बाघ को 53 दिनों के बाद वन विभाग पकड़े में कामयाब रहा. इस बाघ ने 15 मई को 45 वर्षीय गफूर पर हमला कर दिया था और उसे जंगल में खींच ले गया था. मई में इस बाघ की पहचान ‘साइलेंट वैली नेशनल पार्क’ के बाघ के रूप में की गई थी, जो उस क्षेत्र में लगाए गए कैमरा ट्रैप में ली गई उसकी तस्वीर पर आधारित था.

स्थानीय निवासियों वन विभाग को बाघ को ले जाने से रोका

जब वन विभाग के अधिकारियों ने पिंजरे में बंद बाघ को ले जाने की कोशिश की, तो स्थानीय निवासियों की भारी भीड़ वहां एकत्र हो गई और उन्हें बाघ को ले जाने से रोक दिया. स्थानीय लोगों को इस बात की चिंता है कि बाघ को उसी क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा और इससे उनकी जान को फिर से खतरा पैदा हो सकता है. बाद में अधिकारियों द्वारा यह आश्वासन दिए जाने के बाद कि बाघ को इस इलाके में दोबारा नहीं छोड़ा जाएगा, स्थानीय लोगों ने उसे ले जाने की अनुमति दे दी.

वन विभाग के हिरासत में है बाघ

वन मंत्री ए के ससीन्द्रन ने बताया कि फिलहाल बाघ को वन विभाग की हिरासत में रखा जाएगा. मंत्री ने कहा, “इसके बाद, यह निर्णय लेने के लिए विशेषज्ञ स्तर पर चर्चा की जाएगी कि इसे घने जंगल में छोड़ा जाए या जंगली जानवरों के आश्रय स्थल में स्थानांतरित किया जाए.” एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने बताया कि बाघ की उम्र करीब 13 साल है, इसलिए इसे जंगल में वापस छोड़े जाने की संभावना कम है.

15 मई से बाघ की हो रही थी खोज

इससे पहले सुबह में अधिकारी ने बताया कि 20 सदस्यों वाले तीन दलों ने 15 मई से कलिकावु के आसपास के जंगलों में बाघ की तलाश में गहन तलाशी अभियान शुरू किया था. अधिकारी ने बताया कि रविवार तड़के बाघ एक पिंजरे में फंस गया.