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उद्धव ठाकरे के सांसदों को तोड़ देगी बीजेपी? गिरीश महाजन के दावे के बाद मची खलबली


Maharashtra Politics : बीजेपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन ने दावा किया है कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) के कई सांसद और विधायक उनके संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है और उनका आचरण अपरिपक्व है. महाजन ने उद्धव को “पलटी बहादुर” बताते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने मुख्यमंत्री बनने की लालसा में अपने पिता बाल ठाकरे की विचारधारा से भटककर अपना राजनीतिक भविष्य बर्बाद कर लिया. त्रिभाषा नीति को लेकर हो रहे विवाद के बीच महाजन के इस बयान ने राजनीति गरमा दी है.

दो दशक में पहली बार साथ आए उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे

उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे ने लगभग दो दशकों में पहली बार मुंबई में एक रैली में मंच साझा किया, जिसके एक दिन बाद बीजेपी नेता की यह टिप्पणी आई है. राज ठाकरे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख हैं. राज और उद्धव ने यह कार्यक्रम बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति सरकार द्वारा राज्य के स्कूलों में पहली कक्षा से हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पेश करने के लिए पूर्व में जारी किए गए दो सरकारी प्रस्तावों (जीआर) को वापस लेने का फैसला किए जाने के बाद आयोजित किया.

महाजन ने रविवार को सोलापुर में मीडिया से बात की. उन्होंने कहा, “आज भी उद्धव ठाकरे समूह के कई विधायक और सांसद मेरे संपर्क में हैं.” उन्होंने कहा, “अगर आपको मेरी बात पर यकीन नहीं है, तो आप जल्द ही खुद ही यह देख लेंगे.” उन्होंने दावा किया कि ठाकरे के नेतृत्व में लोगों को बिलकुल भी भरोसा नहीं है. महाजन ने उद्धव ठाकरे को ‘‘पलटी बहादुर’’ बताते हुए दावा किया कि उनका आचरण अपरिपक्व है.

मुख्यमंत्री बनने की चाहत में उद्धव हुए बर्बाद: महाजन

बीजेपी नेता ने कहा, “उन्होंने (ठाकरे ने) मौजूदा सरकार का विरोध करने के लिए ही अपना रुख बदला है. आगामी जिला परिषद, पंचायत समिति और नगर निगम चुनावों के नतीजे बताएंगे कि प्रत्येक नेता पर जनता का कितना भरोसा है.” महाजन ने उद्धव ठाकरे पर अपने पिता बाल ठाकरे की विचारधारा को त्यागने का भी आरोप लगाया.

बीजेपी नेता ने दावा किया, “उन्होंने (2019 के राज्य विधानसभा चुनावों के बाद) शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस से हाथ मिलाने के लिए बालासाहेब के हिंदुत्व को दरकिनार कर दिया. मुख्यमंत्री बनने की चाहत में उन्होंने अपना राजनीतिक भविष्य बर्बाद कर लिया है.”