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महाराष्ट्र में हिंदी पर बवाल! 20 साल बाद एक साथ होंगे ठाकरे ब्रदर्स


Hindi Controversy :  मुंबई में होने वाली महाविजय रैली में भाग लेने वाले अन्य दलों के अध्यक्ष या राज्य प्रमुख भी मंच पर नजर आ सकते हैं. हालांकि, एनसीपी-शरद पवार गुट (एनसीपी-एसपी) के प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल के इस रैली में शामिल नहीं होने की खबर सामने आई है. इससे राजनीति गरम है. दो दशकों से अलग रहे राज और उद्धव ठाकरे मराठी अस्मिता के नाम पर एक मंच साझा करेंगे. यह घटनाक्रम संभावित राजनीतिक समीकरणों में बदलाव का संकेत भी माना जा रहा है.

दोनों नेताओं के एक साथ आने की पृष्ठभूमि में नई शिक्षा नीति की त्रि-भाषा नीति है, जिसका उन्होंने विरोध करते हुए कहा कि यह मराठी जैसे गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का प्रयास है. मराठी अस्मिता की रक्षा के नाम पर यह साझा मंच आने वाले चुनावों में गठबंधन की नई दिशा तय कर सकता है.

रैली मराठी एकता और सांस्कृतिक स्वाभिमान का प्रतीक

मनसे और शिवसेना-यूबीटी के संयुक्त विरोध के चलते महायुति सरकार को त्रि-भाषा नीति स्थगित करनी पड़ी. मराठी अस्मिता की इस जीत को लेकर 5 जुलाई को सुबह 10 बजे वर्ली के एनएससीआई डोम में एक भव्य विजय रैली आयोजित की जा रही है. इस रैली में मराठी लेखक, कवि, शिक्षक के अलावा संपादक और कलाकारों सहित समाज के विभिन्न वर्गों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है. उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की पार्टियों ने इस रैली को सफल बनाने के लिए खास तैयारी की है. रैली मराठी एकता और सांस्कृतिक स्वाभिमान का प्रतीक मानी जा रही है.

शरद पवार और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रैली में नहीं आएंगे

विजय रैली के मंच पर राज और उद्धव ठाकरे के साथ अन्य सहयोगी दलों के अध्यक्ष या राज्य प्रमुख भी दिख सकते हैं. हालांकि एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल के शामिल न होने की संभावना है. मनसे ने दोनों नेताओं को आमंत्रित किया था. शरद पवार मुंबई में ही हैं, पर उनके शामिल होने की पुष्टि नहीं हुई है. वर्ली डोम में 7,000 से 8,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. सभी को मंच की गतिविधियां स्पष्ट दिखें, इसके लिए परिसर और आस-पास की सड़कों पर एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं.