Delhi Zoo: भारत के प्रमुख प्राणी उद्यानों में से एक, दिल्ली चिड़ियाघर, पशु कल्याण और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है और वर्तमान में इसमें 95 प्रजातियां रह रही हैं. हाल ही में चिड़ियाघर ने वंतारा के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की है. वंतारा, जो जरूरतमंद जानवरों की देखभाल में संलग्न है, संसाधनों की साझेदारी, आधुनिक सुविधाओं और वैज्ञानिक विशेषज्ञता के माध्यम से चिड़ियाघर के मिशन को और सशक्त बनाता है. यह संयुक्त प्रयास वन्यजीव संरक्षण और पुनर्वास के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करने की दिशा में काम करेगा.
हाल ही में इस समझौते को लेकर कुछ आलोचनाएं सामने आई हैं, जिनमें इसे निजीकरण के प्रयास के रूप में गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है. हालांकि, वंतारा के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह साझेदारी किसी भी प्रकार की स्वामित्व या प्रशासनिक नियंत्रण का हस्तांतरण नहीं करती है और यह पूर्णतः सहयोगात्मक प्रयासों पर केंद्रित है. इस साझेदारी का उद्देश्य सार्वजनिक संस्थान की ताकत को वंतारा की पशु कल्याण विशेषज्ञता के साथ मिलाकर जानवरों के जीवन को समृद्ध बनाना है और दिल्लीवासियों को एक अधिक सार्थक वन्यजीव अनुभव प्रदान करना है.
वंतारा के सीईओ, विवान करानी ने कहा, “इस पहल का उद्देश्य चिड़ियाघर की कार्यप्रणाली को मजबूत करना और इसे दिल्ली के लोगों के लिए एक अधिक अर्थपूर्ण और समृद्ध अनुभव में बदलना है. यह दिल्ली सरकार की पारदर्शिता को दर्शाता है जो प्राणी विज्ञान और पशु कल्याण जैसे विशेषज्ञ क्षेत्रों में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त पेशेवरों को शामिल करना चाहती है. यह सहयोग भारत में पशु देखभाल के लिए एक नया मानक स्थापित करने की दिशा में कार्य करेगा और राजधानी को एक विश्व-स्तरीय वन्यजीव वातावरण प्रदान करेगा जो ज्ञान, करुणा और देखभाल पर आधारित होगा.”
दिल्ली चिड़ियाघर और वंतारा की यह रणनीतिक साझेदारी चिड़ियाघर में पशु कल्याण और संरक्षण प्रयासों को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है. यह सार्वजनिक जवाबदेही को बनाए रखते हुए पशु देखभाल मानकों को बेहतर बनाने की दिशा में दिल्ली सरकार का एक सुनियोजित कदम है.
जानवरों को संरक्षित स्थान देने के साथ-साथ वंतारा का लक्ष्य चिड़ियाघर के कर्मचारियों को पशु कल्याण के क्षेत्र में विशेषज्ञ बनाना भी है. इसके तहत कर्मचारियों की क्षमता वृद्धि के लिए कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे, जो उन्हें आधुनिक पशु देखभाल कौशल प्रदान करेंगे. इसका उद्देश्य उन्हें तकनीकी ज्ञान से लैस करना और उनके परिवारों के लिए बीमा सुरक्षा सुनिश्चित करना है. यह पहल कर्मचारियों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में भी काम करेगी.
करानी ने यह भी कहा, “इस सहयोग के तहत हम जानवरों के लिए नए और सुसज्जित बंद स्थान बनाएंगे, जिससे उन्हें एक सुरक्षित और समृद्ध वातावरण मिलेगा जो उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का समर्थन करेगा. जब कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण मिलेगा, तब यह स्थान केवल घूमने का स्थल नहीं, बल्कि एक देखभाल और संरक्षण केंद्र बन जाएगा.”
इस सहयोग के मुख्य क्षेत्रों में पशु चिकित्सा देखभाल और अन्य सेवाओं में सहायता, आधुनिक तकनीक और लुप्तप्राय प्रजातियों की प्रबंधन पद्धतियों का आदान-प्रदान शामिल है. वंतारा चिड़ियाघर की योजना, बाड़ों की डिज़ाइन, आगंतुक अनुभव और कर्मचारी प्रशिक्षण में तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान करेगा. यह साझेदारी ज्ञान-साझा पहल, स्टाफ एक्सचेंज प्रोग्राम, क्षमता निर्माण और संरक्षण शिक्षा को भी बढ़ावा देगी.