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देश के प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री जैसा नेतृत्व ही भारत के सपनों को पूरा करेगा


Conference: भारत के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हुए, जिन्होंने 2047 तक देश और देशवासियों को विकसित होने का सपना और लक्ष्य, दोनों दिया. उसी तरह बिहार के अब तक के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री के रूप में माननीय नीतीश कुमार जी ने बिहार का कायाकल्प कर, राज्य के रसातल के आखिरी तल से निकालकर, देश के विकास का इंजन बना दिया. उक्त बातें राज्यसभा के उपसभापति  हरिवंश ने आज ‘बिहार लीड्स द राइजिंग ईस्ट’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में कही. इस सेमिनार का आयोजन रामभाऊ महालगी प्रबोधिनी,  एसजीटी यूनिवर्सिटी और पब्लिक पॉलिसी रिसर्च सेंटर द्वारा पटना के चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट में किया गया.

उपसभापति ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री 2014 से ही राज्यों के साथ मिलकर देश को आगे बढ़ाने के फार्मूले पर काम कर रहे हैं. अपने कार्यकाल के आरंभिक दिनों से ही उन्होंने देश के पूर्वी इलाके के राज्य और पूर्वोत्तर राज्यों की भूमिका को महत्वपूर्ण रूप से रेखांकित किया. आजादी के बाद पांच दशक में केंद्र की सरकारों ने पूरब और उत्तर भारत के अनेक राज्यों को बीमारू प्रदेश बनाकर रखा.पर, 2014 के बाद इन राज्यों और क्षेत्रों की स्थिति बदली. इन पिछड़े और बीमारू माने जाने वाले प्रदेश, आज देश के मॉडल राज्य हैं. 

बिहार भेदभाव का रहा है शिकार 

हरिवंश ने कहा कि राज्य के साथ ही समान रूप से देश की चिंता करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब तक बिहार के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री हैं. कर्पूरी ठाकुर ने भी बिहार के कायाकल्प की भूमिका तैयार की थी, पर तब की ताकतवर राजनीतिक पार्टी ने उन्हें सत्ता में रहने नहीं दिया. आजादी के बाद से ही बिहार भेदभाव का शिकार रहा. बीमारू प्रदेश बनाया गया. 1990 के दशक में बदलाव के नाम पर जिस पार्टी को सत्ता मिली, उनके नेतृत्व में बिहार और पीछे जाकर रसातल के आखिरी तल में समा गया. पर, 2005 में जब नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी, तो स्थितियां बदलीं, कायाकल्प हुआ और बीमारू प्रदेश के दायरे से निकल बिहार, देश का एक मॉडल राज्य बन गया. 

बिहार को सुधारों के मॉडल के रूप में बदला

उन्होंने कहा कि तब क्या हाल—हालात थे और नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में कैसे कायाकल्प हुआ, यह दुनिया की प्रसिद्ध पत्र—पत्रिकाओं में दर्ज है. 2013 में ‘इकोनॉमिक फ्रीडम आफ स्टेट्स आफ इंडिया’ रिपोर्ट, जिसे जाने—माने अर्थशास्त्री प्रोफेसर विवेक देवराय, लवीस भंडारी, डॉक्टर स्वामीनाथन अय्यर ने तैयार किया था. इसमें डॉ स्वामीनाथन ने लिखा कि 2007 ये 2011 के बीच बिहार ने चमत्कारिक तरीके से खुद को बदला. जो बिहार, देश के लिए बोझ था, वह देश के आर्थिक विकास को गति देने लगा. देश के विकास का संबल बना. अक्तूबर 2011 में दुनिया की मशहूर पत्रिका ‘टाइम’ ने लिखा, ‘ बिहार दशकों तक गरीबी, हिंसा और भ्रष्टाचार के लिए एक कहावत बन गया था लेकिन यह स्थिति 2005 से पहले तक थी.

मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार ने बिहार को सुधारों के माॅडल के रूप में बदला. साबित किया कि प्रगति हासिल करने के लिए न्याय का बलिदान नहीं दिया जाना चाहिए. इस मामले में बिहार पूरे देश को रास्ता दिखा सकता है.’अपने संबोधन हरिवंश ने कहा कि आज आर्थिक तरक्की ही सामाजिक,सांस्कृतिक तरक्की का भी रास्ता खोल रही है. देश 2047 तक अपने लक्ष्य को इसी रास्ते पूरा करेगा. इसके लिए जरूरी है कि बिहार में नीतीश कुमार जैसा विजनरी और संकल्पवान नेतृत्व हो और देश में वर्तमान प्रधानमंत्री की तरह दृढ़ इच्छाशक्ति वाला नेतृत्व हो.