दिल्ली में बंद हो जाएंगी पेट्रोल-डीजल वाली टैक्सी! जानें नया नियम |Petrol Diesel Taxi Ban in Delhi NCR
Petrol Diesel Taxi Ban in Delhi NCR: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. 1 जनवरी 2026 से कोई भी नया पेट्रोल या डीजल वाहन कैब एग्रीगेटर, डिलीवरी कंपनियों या ई-कॉमर्स बेड़े में शामिल नहीं किया जा सकेगा. यह निर्णय क्षेत्र को जीरो उत्सर्जन ट्रांसपोर्ट जोन में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
कौन-कौन वाहन होंगे प्रभावित?
इस प्रतिबंध का दायरा केवल टैक्सी सेवाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें कैब एग्रीगेटर टैक्सियां जैसे ओला और उबर, ई-कॉमर्स डिलीवरी वाहनों जैसे फ्लिपकार्ट और अमेजन, फूड डिलीवरी बाइक्स जैसे जोमैटो और स्विगी, लाइट कमर्शियल व्हीकल्स (LCVs) जैसे छोटा हाथी और टाटा ऐस, और गुड्स कैरियर्स व लॉजिस्टिक वैन शामिल हैं. इन सभी श्रेणियों में 1 जनवरी 2026 से केवल CNG या इलेक्ट्रिक गाड़ियों के नए रजिस्ट्रेशन की अनुमति होगी.
क्या मिलेगा विकल्प में?
इस निर्णय के तहत, केवल BS-VI, CNG, LNG या इलेक्ट्रिक वाहनों को ही दिल्ली-एनसीआर में प्रवेश की अनुमति होगी. यह कदम दिल्ली सरकार की 2023 में घोषित “मोटर व्हीकल एग्रीगेटर और डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम” का विस्तार है. जिसके अंतर्गत वे सभी कंपनियां जिनके पास 25 या अधिक वाहन हैं उन्हें सभी वाहनों को सरकारी पोर्टल पर अनिवार्य रूप से रजिस्टर करना होगा. इस प्रक्रिया से सर्वेक्षण, निरीक्षण और अनुपालन की निगरानी अधिक प्रभावी रूप से की जा सकेगी. साथ ही, यह कदम ईवी नीति 2030 के लक्ष्यों को भी मजबूती देगा.
क्या होगा पड़ोसी राज्यों में?
यह नियम केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा. CAQM ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे पड़ोसी राज्यों से भी अपील की है कि वे अपने शहरी क्षेत्रों जैसे गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद में भी इसी प्रकार के नियम लागू करें. इन इलाकों में वाहनों की संख्या अत्यधिक है और ये वायु प्रदूषण में बड़ा योगदान करते हैं. इसलिए पूरे एनसीआर क्षेत्र में एक समान नीति लागू करना आवश्यक है, ताकि वायु गुणवत्ता में वास्तविक और व्यापक सुधार किया जा सके.