PM Modi G7 Summit Canada: कनाडाई खोजी पत्रकार मोचा बेजिरगन (Mocha Bezirgan) ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया, “G7 समिट में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जान को खतरा है. खालिस्तानियों ने उन्हें घात लगाकर मार डालने का प्लान बनाया है. मैंने उनसे पूछा कि क्या आप उनकी राजनीति को उसी तरह खत्म करने जा रहे हैं जैसे आपने इंदिरा गांधी की राजनीति को खत्म किया था? क्योंकि वे हत्यारों को अपने पूर्वज बताते हैं. वे कहते हैं कि हम इंदिरा गांधी के हत्यारों के वंशज हैं, और वे हिंसा के इन कृत्यों का महिमामंडन कर रहे हैं.”
#WATCH | Vancouver, Canada: On being asked about Khalistani extremism, Canadian Investigative Journalist Mocha Bezirgan, says “…Because of the tensions between Canada and India, it’s a very highly political subject, but I feel like we are disregarding what’s happening… https://t.co/bS12wtgGf6 pic.twitter.com/7vqkneMA1u
— ANI (@ANI) June 8, 2025
पीएम मोदी के निमंत्रण का रद्द करने के लिए कनाडाई पीएम पर खालिस्तानी बना रहे दबाव
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को G7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किए जाने पर, कनाडाई खोजी पत्रकार मोचा बेजिरगन ने कहा, “यह एक बड़ा कदम है कि प्रधानमंत्री कार्नी ने प्रधानमंत्री मोदी को G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा आमंत्रित किया है. हम देखेंगे कि यह कैसे होता है, क्योंकि खालिस्तानी तत्वों और विश्व सिख संगठन की ओर से प्रधानमंत्री कार्नी पर इस समय बहुत दबाव बन रहा है कि उन्हें निमंत्रण रद्द कर देना चाहिए. भले ही वह निमंत्रण रद्द न भी करें, हम देखेंगे कि बैठक वास्तव में कैसे होती है. हमें प्रतीक्षा करनी होगी और देखना होगा, लेकिन एक बात निश्चित है, खालिस्तानी तत्व विरोध करेंगे और अल्बर्टा में यह बहुत ही दिलचस्प समय होने वाला है, जहां G7 हो रहा है…यह वह जगह होगी जहां पूरी दुनिया का ध्यान केंद्रित होगा क्योंकि G7 शिखर सम्मेलन की तिथि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की तिथि से एक दिन मेल खाती है. मुझे नहीं लगता कि इससे पहले कभी इतना जोखिम भरा समय रहा है.”
खालिस्तानी उग्रवाद सिख फॉर जस्टिस द्वारा होता है संचालित
खालिस्तानी उग्रवाद के बारे में पूछे जाने पर, कनाडाई खोजी पत्रकार मोचा बेजिरगन ने बताया, “यह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) द्वारा संचालित एक आंदोलन है. वे ही इसे संगठित कर रहे हैं, और अधिकांश समय, ये वही लोग होते हैं जो इन विरोध प्रदर्शनों में भाग लेते हैं, चाहे वह ओंटारियो, ब्रिटिश कोलंबिया, अमेरिका, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड में हो. वे भीड़ जुटाने के लिए स्थानीय गुरुद्वारों से लोगों को जुटाते हैं. मुझे लगता है कि हम अंडरग्राउंड हो रही घटनाओं को अनदेखा कर रहे हैं. ये लोग इंदिरा गांधी के हत्यारों का जश्न मनाते हुए अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग कर रहे हैं.