India-Pakistan Tension : भारतीय सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान के समूचे क्षेत्र में स्थित लक्ष्यों पर हमला करने की सैन्य क्षमता है. यदि पाकिस्तानी सेना अपना मुख्यालय रावलपिंडी से स्थानांतरित करती है, तो उसे छिपने के लिए बहुत गहरा गड्ढा यानी डीप होल ढूंढना होगा. न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए गए इंटरव्यू में आर्मी एयर डिफेंस के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी’कुन्हा ने रिएक्शन दिया. उन्होंने कहा, “पूरा पाकिस्तान भारत के रेंज में है.”
सेना अधिकारी ने कहा, “भारत के पास पाकिस्तान से पूरी ताकत के साथ मुकाबला करने के लिए पर्याप्त हथियार हैं. इसलिए, सबसे बड़े से लेकर सबसे छोटे तक, चाहे वह कहीं भी हो, पूरा पाकिस्तान उसकी सीमा में है. जीएचक्यू (जनरल हेडक्वार्टर) रावलपिंडी से केपीके (खैबर पख्तूनख्वा) या जहां भी वे जाना चाहें, जा सकते हैं, लेकिन वे सभी भारत के टारगेट में आ सकते हैं.”
#WATCH | Delhi: When asked how many drones were sent by Pakistan during the recent conflict, DG Army Air Defence Lt Gen Sumer Ivan D’Cunha says, “…I would say anything between maybe 800 to 1000 across the whole western border in four days. A large number of them were destroyed.… pic.twitter.com/S7YGs1X3ON
— ANI (@ANI) May 19, 2025
पाकिस्तान ने 800 से 1000 ड्रोन लॉन्च किए
डी’कुन्हा ने कहा कि पाकिस्तान ने चार दिनों में पश्चिमी सीमा पर लगभग 800 से 1000 ड्रोन लॉन्च किए थे. हथियार ले जाने वाले सभी ड्रोनों को सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रयासों से सफलतापूर्वक रोका और नष्ट कर दिया गया. उन्होंने कहा, “एक बात तो पक्की है कि सभी मानवरहित लड़ाकू हवाई वाहन (यूसीएवी) जो पेलोड लेकर गए थे, उनका उद्देश्य हमारी नागरिक आबादी को नुकसान पहुंचाना था. उन्हें आबादी वाले केंद्रों की ओर निर्देशित किया गया था, हमने सुनिश्चित किया कि वे कोई नुकसान न पहुंचाएं. मुझे लगता है कि इसका सबूत वास्तव में हमने जो देखा, उसमें है कि कोई भी नागरिक हताहत नहीं हुआ.”
कैसा पाकिस्तान आया घुटनों पर
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई सैन्य तनातनी में भारतीय सेना ने कई पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को निशाना बनाया. खास तौर पर सीमा पर स्थित ठिकानों का भारत ने टारगेट किया. रक्षा मंत्री ने कहा कि इसका असर रावलपिंडी में भी महसूस किया गया, जहां पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय स्थित है. इस ऑपरेशन की सफलता का एडवांस इंडीजीनस टेक्नोलॉजी के उपयोग को दिया गया, जिसमें लंबी दूरी के ड्रोन और सटीक निर्देशित हथियार शामिल थे.