Parliamentary Standing Committee Meeting: विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सोमवार को संसदीय समिति को बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष हमेशा पारंपरिक दायरे में रहा. उन्होंने ये भी बताया कि पड़ोसी देश की ओर से कोई परमाणु संकेत नहीं दिया गया था. भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका पर मिसरी ने सरकार के रुख को दोहराया कि सैन्य कार्रवाई रोकने का निर्णय द्विपक्षीय स्तर पर लिया गया था. कुछ विपक्षी सदस्यों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से संघर्ष को रोकने में उनके प्रशासन की भूमिका को लेकर बार-बार किए गए दावों को लेकर सवाल उठाया.
#WATCH | Delhi: After Parliamentary Standing Committee on External Affairs’ meeting, Congress MP Shashi Tharoor says, “We had a very comprehensive and rich discussion. As you can see, a meeting that normally would have finished by 6 o’clock, has gone on till 7 o’clock. It was a… pic.twitter.com/JIxxW9oQAg
— ANI (@ANI) May 19, 2025
कुछ सासदों ने पूछा पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ चीनी मंचों का इस्तेमाल किया?
संसदीय समिति की बैठक में कुछ सांसदों ने पूछा कि क्या पाकिस्तान ने संघर्ष में चीनी मंचों का इस्तेमाल किया है. मिसरी ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि भारत ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को तबाह कर दिया. यह बैठक भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू करने और उसके बाद दोनों देशों के बीच हुए सैन्य संघर्ष की पृष्ठभूमि में हुई. भारत और पाकिस्तान 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए सहमत हुए थे.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में हुई संसदीय समिति की बैठक
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति की बैठक में तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस के राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अपराजिता सारंगी एवं अरुण गोविल आदि ने भाग लिया.
बैठक के बाद थरूर ने क्या कहा?
विदेश मामलों पर संसदीय स्थायी समिति की बैठक के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “हमारे बीच बहुत व्यापक और समृद्ध चर्चा हुई. जैसा कि आप देख सकते हैं, एक बैठक जो सामान्यतः 6 बजे तक समाप्त हो जाती थी, वह 7 बजे तक चली. यह बहुत ही गहन, व्यापक चर्चा थी. हमारे 24 सदस्य इसमें शामिल हुए, जो मुझे लगता है कि इस समिति के लिए एक रिकॉर्ड है. सच तो यह है कि यह बहुत ही गहन चर्चा थी. कई सांसदों के पास पूछने के लिए विचारशील प्रश्न थे. यहां तक कि विदेश सचिव के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए एक प्रस्ताव पारित करने की भी इच्छा थी, उन्होंने स्वयं अनुरोध किया था कि कोई प्रस्ताव पारित न हो, लेकिन समिति की यह सर्वसम्मत भावना थी कि उन्होंने राष्ट्र के लिए अच्छी सेवा की है, हम सभी उनके साथ खड़े हैं.”
प्रतिनिधिमंडल पर टीएमसी ने किया साफ, कहा- पार्टी से कौन जाएगा, यह भाजपा तय नहीं करेगी
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, “हमारी पार्टी टीएमसी आतंकवाद से लड़ने, संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी. जहां तक सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का सवाल है, मैंने कहा है कि केंद्र एकतरफा फैसला नहीं कर सकता कि कौन किस पार्टी से जाएगा. उन्हें नाम मांगने होंगे. अगर आप टीएमसी से पांच नाम मांगेंगे, तो टीएमसी पांच सदस्यों को नामित करेगी. मेरी पार्टी से कौन जाएगा, यह भाजपा तय नहीं करेगी. पार्टी तय करेगी.”