Nuclear Bomb : जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव होता है, तब परमाणु हथियारों की बात होने लगती है. धमकी पाकिस्तानी नेता फौरन देने लगते हैं. हाल ही में हुए संघर्ष में पाकिस्तान ने भारत को परमाणु हमले की धमकी दी, जिसका करारा जवाब भारत की ओर से दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कहा कि भारत ऐसी ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग’ से डरने वाला नहीं है. कुछ ऐसी ही बात गृह मंत्री अमित शाह ने भी कही. भारत और पाकिस्तान दोनों के पास परमाणु हथियार हैं, जो दुनिया के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं. दोनों देशों के बीच काफी लंबे समय से तनाव है. अब तक चार बार आमने-सामने की जंग भी दोनों देश लड़ चुके हैं.
भारत और पाकिस्तान की परमाणु हथियारों को लेकर नीतियां एक-दूसरे से काफी अलग हैं. पाकिस्तान ‘फर्स्ट यूज’ पॉलिसी अपनाता है, यानी वह जरूरत पड़ने पर पहले परमाणु हथियार का इस्तेमाल कर सकता है. लेकिन भारत ‘नो फर्स्ट यूज’ नीति पर चलता है, जिसका मतलब है कि भारत पहले परमाणु हमला नहीं करेगा. भारत सिर्फ जवाबी कार्रवाई में ही परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा.
भारत और पाकिस्तान के पास कितने परमाणु हथियार ?
इस समय दुनिया में केवल 9 देशों के पास ही परमाणु हथियार हैं. इनके नाम अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इजराइल और उत्तर कोरिया है. इनमें भारत और पाकिस्तान ऐसे पड़ोसी देश हैं जिनके बीच हमेशा टकराव की स्थिति नजर आती है. हालांकि, दुनिया के पास किसी देश के परमाणु हथियारों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है. फिर भी अनुमान के अनुसार भारत के पास लगभग 172 और पाकिस्तान के पास करीब 170 परमाणु हथियार मौजूद हैं.
परमाणु हथियारों को लेकर क्या है भारत की नीति?
परमाणु हथियारों को दुनिया का सबसे विनाशकारी और शक्तिशाली हथियार माना जाता है. अब तक इनका उपयोग केवल एक बार, द्वितीय विश्व युद्ध में किया गया था. जापान के शहर हिरोशिमा और नागासाकी में ये बम गिराए गए थे जिसका असर आज भी कुछ बहुत नजर आता है. इस कारण कई देशों ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर सतर्क नीति अपनाई है. भारत ने 2003 में ‘नो फर्स्ट यूज’ यानी ‘पहले उपयोग नहीं’ की नीति को अपनाया. इसका मतलब है कि भारत किसी भी स्थिति में पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा. लेकिन यदि भारत पर परमाणु हमला किया जाता है, तो वह जवाबी हमला जरूर करेगा.