ISRO : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) से पीएसएलवी-सी61 (PSLV-C61) का प्रक्षेपण किया. यह EOS-09 (पृथ्वी अवलोकन उपग्रह-09) को SSPO कक्षा में ले जाएगा. ईओएस-09, ईओएस-04 उपग्रह जैसा ही एक दोहराव वाला सैटेलाइट है. इसका मकसद ऐसे लोगों को रिमोट सेंसिंग (दूर से जानकारी इकट्ठा करने) से जुड़े डेटा देना है जो इसका इस्तेमाल अलग-अलग कामों में करते हैं. साथ ही, इसका उद्देश्य जमीन की तस्वीरें और जानकारी पहले से ज्यदा बार और बेहतर तरीके से भेजना है.
#WATCH | Indian Space Research Organisation (ISRO) launches PSLV-C61, which carries the EOS-09 (Earth Observation Satellite-09) into a SSPO orbit, from Sriharikota, Andhra Pradesh.
EOS-09 is a repeat satellite of EOS-04, designed with the mission objective to ensure remote… pic.twitter.com/4HVMZzXhP0
— ANI (@ANI) May 18, 2025
इसरो का यह 101वां मिशन
पीएसएलवी-सी61 का प्रक्षेपण 18 मई को श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम ‘लॉन्च पैड’ से सुबह पांच बजकर 59 मिनट पर निर्धारित था. अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का यह 101वां मिशन है. पीएसएलवी अपने 63वें मिशन में पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (ईओएस-09) को ले गया, जो सभी मौसम परिस्थितियों में पृथ्वी की सतह की हाई क्वालिटी वाली तस्वीरें लेने में सक्षम होगा. सैटेलाइट द्वारा चौबीसों घंटे खींची जाने वाली तस्वीरें कृषि, वानिकी निगरानी, आपदा प्रबंधन, शहरी नियोजन और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे कामों के लिए उपयोगी साबित होगा.
भारत की सीमाओं की निगरानी अब और आसान
डॉ. डब्ल्यू. सेल्वमूर्ति ने ईओएस-09 सैटेलाइट के लॉन्च पर इसरो की टीम और इससे जुड़ी इंडस्ट्रीज को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह सैटेलाइट बहुत खास है क्योंकि यह धरती पर हो रहे बदलावों पर नजर रखेगा. यह सैटेलाइट खेती, जंगलों की स्थिति, आपदाओं से निपटने और देश की सुरक्षा जैसे कामों में मदद करेगा. यहां तक कि यह हमारी सीमाओं की निगरानी के लिए भी बहुत जरूरी है. इस सैटेलाइट की मदद से सीमा पर होने वाली हर हलचल पर नजर रखी जा सकेगी. इससे पाकिस्तान और चीन जैसे देशों की चिंता बढ़ सकती है.
ईओएस-09 का वजन कितना है?
ईओएस-09 का वजन लगभग 1,696.24 किलोग्राम है. यह सैटेलाइट पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों के समूह में शामिल होगा. इस मिशन का उद्देश्य देश भर में विस्तारित तात्कालिक समय पर होने वाली घटनाओं की जानकारी जुटाने की आवश्यकता को पूरा करना है. पृथ्वी अवलोकन उपग्रह-09 वर्ष 2022 में प्रक्षेपित किए गए ईओएस-04 जैसा ही एक उपग्रह है.
उपग्रह अंतरिक्ष में मलबा नहीं बनेगा
इसरो ने बताया है कि ईओएस-09 उपग्रह का काम 5 साल तक चलेगा. वैज्ञानिकों ने इसमें इतना ईंधन बचाकर रखा है कि जब इसका काम खत्म हो जाएगा, तब इसे धरती की कक्षा से धीरे-धीरे नीचे लाया जा सके. ऐसा करने से यह सैटेलाइट अंतरिक्ष में मलबा नहीं बनेगा और मिशन साफ-सुथरा (मलबा-मुक्त) रहेगा.