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Operation Sindoor: भारतीय सेना ने लाहौर का रडार सिस्टम किया तबाह, 30-40 पाक सैनिक, 100 आतंकी ढेर, DGMO राजीव घई का बयान


Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर पर डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया, “आप सभी अब तक उस क्रूरता और नृशंस तरीके से परिचित हो चुके हैं, जिसमें 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई थी. ऑपरेशन सिंदूर आतंकियों और हमले की योजना बनाने वालों को दंडित करने और उनके आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के स्पष्ट सैन्य उद्देश्य के साथ की गई थी.”

9 आतंकवादी ठिकानें तबाह, 30 से 40 पाकिस्तानी सैनिक भी ढेर

डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “9 आतंकी ठिकानों पर किए गए इन हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. जिसमें 4 बड़े आतंकवादी (मुदस्सर खास, हाफिज जमील, यूसुफ अजहर) भी शामिल हैं. डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया, ” सीमा पार के आतंकी ठिकानों को बड़ी मेहनत और बारिकी से टारगेट किया गया. आतंकी शिविरों और प्रशिक्षण स्थलों की पहचान की गई. कई जगहों का चुनाव किया गया. लेकिन इनमें से कुछ आतंकी केंद्र अब मौजूद नहीं थे और भारत की कार्रवाई के डर से पहले ही खाली कर दिए गए थे. हमने तय किया कि केवल आतंकवादियों को ही निशाना बनाया जाए. 9 आतंकी ठिकाने, जिनकी पुष्टि हमारी विभिन्न खुफिया एजेंसियों ने की थी उसे टारगेट किया गया. कुछ पीओजेके में थे, जबकि कुछ अन्य पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित थे. मुरीदके जैसे नापाक स्थान, लश्कर-ए-तैयबा का केंद्र, पिछले कई वर्षों से अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे कुख्यात लोगों को जन्म देता रहा है.”

पाकिस्तान ने भारत के सैन्य अड्डों को निशाना बनाया

डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया, “8-9 मई की रात को, उन्होंने (पाकिस्तान ने) सीमाओं के पार हमारे हवाई क्षेत्र में ड्रोन और विमान उड़ाए और कई सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के बड़े पैमाने पर असफल प्रयास किए. पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा पर उल्लंघन फिर से शुरू हुआ और भयंकर गोलीबारी हुई.

पाकिस्तान ने नागरिक विमानों के आड़ पर किया भारत पर हमला

एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, “8 और 9 की रात को, 22:30 बजे से ही, हमारे शहरों पर ड्रोन, मानवरहित हवाई वाहनों का व्यापक हमला हुआ, जो श्रीनगर से शुरू होकर नलिया तक गया. हम तैयार थे और हमारी हवाई रक्षा तैयारियों ने सुनिश्चित किया कि जमीन पर या दुश्मन द्वारा नियोजित किसी भी लक्षित लक्ष्य को कोई नुकसान न पहुंचे. एक संतुलित प्रतिक्रिया में, हमने एक बार फिर गुजरांवाला में सैन्य प्रतिष्ठानों, निगरानी रडार स्थलों को निशाना बनाया. ड्रोन हमले सुबह तक जारी रहे, जिनका हमने मुकाबला किया. जबकि ड्रोन हमले लाहौर के निकट कहीं से किए जा रहे थे, दुश्मन ने अपने नागरिक विमानों को भी लाहौर से उड़ान भरने की अनुमति दे दी थी, न केवल उनके अपने विमान, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय यात्री विमान भी, जो काफी असंवेदनशील था और हमें अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी.”