India Pakistan on Kashmir: पाकिस्तान ने एक बार फिर अमेरिका के सामने कश्मीरी राग अलापा है. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने रविवार को कहा कि वह राष्ट्रपति ट्रंप की ‘जम्मू कश्मीर विवाद के समाधान के प्रयासों का समर्थन करने की इच्छा’ की सराहना करता है. वहीं भारत कश्मीर को लेकर अपने रुख में कायम है. भारत ने हमेशा कहा है कि कश्मीर मुद्दा द्विपक्षीय मामला है और इसमें किसी तीसरे पक्ष के लिए कोई जगह नहीं है. भारत का मानना है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख हमेशा से उसके अभिन्न एवं अविभाज्य अंग हैं और रहेंगे.
अमेरिका के आगे पाकिस्तान ने फिर फैलाए हाथ
जम्मू कश्मीर विवाद को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू कश्मीर समेत कई मुद्दे हैं जिनमें जल बंटवारा भी शामिल है. इन सबका समाधान निकालना चाहिए. पाकिस्तानी शासन ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव का स्वागत किया है. पाकिस्तान इसे लंबा विवाद बताया है. उसने कहा है कि विवाद के कारण दक्षिण एशिया की शांति पर असर पड़ सकता है. हालांकि भारत कश्मीर के मुद्दे किसी की मध्यस्थता के खिलाफ अपने रुख पर कायम है.
राष्ट्रपति ट्रंप ने जताई मध्यस्थता की इच्छा
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर समाधान के लिए भारत और पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने की पेशकश की. ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा “मैं आप दोनों के साथ मिलकर यह पता लगाने के लिए काम करूंगा कि क्या कश्मीर के संबंध में कोई समाधान निकाला जा सकता है. ईश्वर भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व को उनके अच्छे काम के लिए आशीर्वाद दें.” संघर्ष विराम पर ट्रंप ने कहा “मुझे भारत और पाकिस्तान के मजबूत एवं दृढ़ नेतृत्व पर बहुत गर्व है जिसके पास यह जानने और समझने की ताकत, समझ एवं धैर्य है कि उस मौजूदा आक्रामकता को रोकने का समय आ गया था जो बहुत से लोगों की मौत और विनाश का कारण बन सकती थी.”
युद्ध में जा सकती थी लाखों लोगों की जान
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव काफी बढ़ गया था. इसपर ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान में अगर पूर्ण रूप से युद्ध छिड़ता तो इसमें लाखों निर्दोष लोग मारे जा सकते थे. ट्रंप ने कहा “मुझे गर्व है कि अमेरिका इस ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय तक पहुंचने में आपकी मदद कर सका.” उन्होंने साथ ही कहा कि हालांकि, इस पर चर्चा भी नहीं हुई है लेकिन वह इन दोनों महान राष्ट्रों के साथ व्यापार को काफी बढ़ाने के लिए कदम उठाएंगे.
1971 के बाद भारत का सबसे कड़ा एक्शन
शनिवार को भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने घोषणा की थी कि पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक ने दोपहर तीन बजकर 35 मिनट पर भारतीय डीजीएमओ से फोन पर बात की. उन्होंने कहा “उनके बीच यह सहमति बनी कि दोनों पक्ष शनिवार को शाम पांच बजे से जमीन, हवा और समुद्र में सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद कर देंगे.” इससे पहले पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए थे जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था.
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