Om Birla: हमें अपनी सेना के शौर्य, वीरता और विजन पर गर्व है.’ जिस तरह भारतीय सेना ने हमारी सीमाओं को अभेद्य और सशक्त बनाया है, उसी तरह भारत के स्टील फ्रेम यानी भारतीय सिविल सेवा ने देश को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. संसद भवन परिसर में 2023 बैच के प्रशिक्षणार्थी आईएएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यह बात कही. उन्होंने युवा सिविल सेवकों से भारतीय मूल्यों और लोकतांत्रिक आदर्शों का पालन करते हुए देश सेवा की विरासत छोड़ने का आग्रह करते हुए अधिकारियों से शासन और लोक प्रशासन में अपने कार्यों में संकल्प, अनुशासन और सेवा की भावना का समावेश करने का भी आग्रह किया.
बिरला ने सरदार वल्लभभाई पटेल के विजन का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका मानना था कि स्वतंत्रता के बाद अशांति के समय में भारत की एकता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक सशक्त और सिद्धांतों पर अडिग प्रशासनिक प्रणाली आवश्यक थी. भारतीय सिविल सेवा को भारतीय संस्कृति की परंपरा का पालन करते हुए जनता की भावनाओं के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए तथा लोकतंत्र को निरंतर सुदृढ़ करने में सहयोग करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासनिक प्रणालियों को जन-केंद्रित और पारदर्शी रहते हुए नीतियों का सजग अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए.
आईएएस में चयन सबसे चुनौतीपूर्ण और प्रतिष्ठित उपलब्धियों में से एक
लोक सभा अध्यक्ष ने इस बात पर बल दिया कि आईएएस अधिकारियों को प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग करना चाहिए ताकि शासन में दक्षता, पारदर्शिता आए और सेवाएं प्रदान करने में कुशलता में वृद्धि हो. वर्तमान प्रशासनिक परिदृश्य में डिजिटल टूल्स की परिवर्तनकारी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने अधिकारियों से आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म जैसी उभरती हुई तकनीकों को अपने दैनिक कामकाज में सक्रिय रूप से शामिल करने का आग्रह किया. क्योंकि प्रौद्योगिकी के उपयोग से सरकार और नागरिकों के बीच की दूरी को कम किया जा सकता है, लोक सेवा तंत्र को सुव्यवस्थित किया जा सकता है और शीघ्र निर्णय लिए जाने को सुनिश्चित किया जा सकता है.
बिरला ने कहा कि आईएएस में चयन सबसे चुनौतीपूर्ण और प्रतिष्ठित उपलब्धियों में से एक है और भारत की प्रगति में सार्थक योगदान देने की जिम्मेदारी इन्हीं अधिकारियों पर है. इस बैच में 73 महिलाओं की रिकॉर्ड संख्या पर गर्व करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी बढ़ती संख्या से सिविल सेवाओं में बढ़ रही समावेशिता और विविधता का पता चलता है और यह भारत के बदल रहे सामाजिक परिदृश्य को भी दर्शाता है. इस कार्यक्रम में 2023 बैच के 180 प्रशिक्षणार्थी आईएएस अधिकारियों ने भाग लिया.